Avyayibhav Samas अव्ययीभाव समास
|अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas) – जिस समास में पहला पद प्रधान या अव्यय होता है तथा समसतपद अव्यय बन जाता हैं। यह अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas) कहलाता है। जिस समास में पहला पद अव्यय हो, उसे ‘अव्ययीभाव समास’ कहते हैं। इसका पहला पद प्रधान होता है। इस प्रक्रिया से बना समस्तपद भी अव्यय की भाँति कार्य करता है। जैसे-प्रति + दिन = प्रतिदिन। यहाँ ‘प्रति’ अव्यय है। ‘प्रतिदिन’ समस्तपद भी अव्यय की भाँति कार्य करता है।
Avyayibhav Samas अव्ययीभाव समास
- यथाशक्ति ( समस्तपद ), यथा ( उत्तरपद ), शक्ति ( पूर्वपद ), शक्ति के अनुसार (समास – विग्रह )
- प्रतिदिन ( समस्तपद ), प्रति ( उत्तरपद ), दिन ( पूर्वपद ), प्रत्येक दिन (समास – विग्रह )
- हाथोंहाथ ( समस्तपद ), हाथों ( उत्तरपद ), हाथ ( पूर्वपद ), हाथ ही हाथ में (समास – विग्रह )
इन सभी शब्दों (पदों) में पहला पद यथा, प्रति और हाथों – अव्यय हैं। इन अव्य्यों के योग से समस्तपद के रूप में प्रयोग किया जाता है। अत: इन सब में अव्ययीभाव समास है।
Avyayibhav Samas अव्ययीभाव समास के उदाहरण –
समस्तपद और विग्रह
प्रत्येक = प्रति-एक
साफ-साफ = बिल्कुल साफ
आमरण = मरण तक
यथानियम = नियम के अनुसार
बेकाम = बिना काम के
आजन्म = जन्म से लेकर
गाँव-गाँव = प्रत्येक गाँव
यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार
रातोंरात = रात ही रात में
निस्संदेह = संदेह रहित
प्रतिदिन = दिन-दिन
घर-घर = प्रत्येक घर
यथाशीघ्र = जितना शीघ्र हो
आजीवन = जीवन-पर्यंत/जीवन भर
हरघड़ी = घड़ी-घड़ी
हाथोंहाथ = हाथ ही हाथ में
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