Bhagat Singh in Hindi – Biography, Quotes, Information, Original Wallpaper
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Biography of Bhagat Singh in Hindi
भगतसिंह भारतमाता के सच्चे सपूत थे। वह उसकी रक्षा के लिए 24 साल की छोटी उम्र में ही सूली पर चढ़ गए। यही वजह है कि उनके नाम के आगे शहीद जुड़ गया और आज पूरी दुनिया उन्हें शहीद भगतसिंह के नाम से जानती है। भगतसिंह पंजाब के लायलपुर जिले के बंगा गाँव में एक सिख परिवार में पैदा हुए। वे सरदार किशनसिंह और विद्यावती की तीसरी संतान थे। लाहौर के डीएवी स्कूल में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात लाला लाजपत राय और रास बिहारी बोस से हुई। वे इन नेताओं से बहुत प्रभावित हुए। इसी दौरान 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड हो गया। इस घटना से देश को आजाद करवाने का उनका इरादा और भी मजबूत हो गया। 1921 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने के लिए उन्होंने स्कूल तक छोड़ दिया।
फरवरी, 1928 में ‘साइमन कमीशन’ नाम की एक समिति इंग्लैंड से भारत आई। सभी ने तय किया कि साइमन कमीशन का बहिष्कार किया जाए। साइमन का विरोध करते समय लाला लाजपत राय को लाठियों से इतना पीटा गया कि उनकी मृत्यु हो गई। इस बात का भगतसिंह को गहरा दुःख पहुँचा। उन्होंने इसके जिम्मेदार डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल स्कॉट को मारने की योजना बनाई, लेकिन गलती से स्कॉट की जगह उसका सहयोगी सांडर्स मारा गया। पुलिस भगतसिंह और उनके साथियों की तलाश में लग गई। मौत की सजा से बचने के लिए भगतसिंह को लाहौर से भागना पड़ा। भारतीय सुरक्षा अधिनियम के तहत पुलिस को लोगों को गिरफ्तार करने की और भी ज्यादा छूट दे दी गई। यह अधिनियम एक वोट की कमी के कारण केंद्रीय विधायिका में पास नहीं हो सका। लेकिन सरकार इसे लागू करने पर आमादा थी। उसने इसे ऑर्डिनेंस के रूप में पारित करना तय किया। यह सब देख भगतसिंह बहुत दुखी हुए। उन्होंने और उनके साथियों ने केंद्रीय विधायिका में बम फेंकने का फैसला लिया। इसका मकसद किसी को घायल करना या मारना नहीं था, बल्कि अधिनियम के खिलाफ विरोध जताना भर था।
तय हुआ कि बम फेंकने के बाद भगतसिंह और उनके साथी बटुकेश्वर दत्त गिरफ्तारी देंगे। 8 अप्रैल, 1929 को भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने ऐसा ही किया। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने अपनी वकालत के लिए कोई भी वकील करने से इंकार कर दिया। जेल में रहने के दौरान उन्होंने साथी कैदियों से होने वाले बुरे सुलूक के कारण भूख हड़ताल की। भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फाँसी की सजा सुनाई गई। लोगों की तमाम अपीलों और नेताओं की हर सिफारिश के बावजूद भगतसिंह और उनके साथियों को 23 मार्च, 1931 को सूली पर चढ़ा दिया गया।
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Bhagat Singh Quotes in Hindi
Revolution did not necessarily involve sanguinary strife. It was not a cult of bomb and pistol. – Bhagat Singh
ज़रूरी नहीं था की क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था. – भगत सिंह
Every tiny molecule of Ash is in motion with my heat I am such a Lunatic that I am free even in Jail. – Bhagat Singh
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं एक ऐसा पागल हूँ जो जेल में भी आज़ाद है. – भगत सिंह
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