Cashless Economy Essay in Hindi | नकदी रहित अर्थव्यवस्था पर निबंध
|Learn about Cashless Economy Essay in Hindi नकदी रहित अर्थव्यवस्था। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए नकदी रहित अर्थव्यवस्था पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss a very important topic i.e Cashless Economy essay in Hindi. Learn about Cashless Economy essay in Hindi and bring better results in our exam.
Cashless Economy Essay in Hindi – नकदी रहित अर्थव्यवस्था पर निबंध
Cashless Economy Essay in Hindi 300 Words
परिचय
नकदी रहित अर्थव्यवस्था एक मिशन है जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने शुरू किया है। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की नकदी पर निर्भरता को कम करना है ताकि देश में बड़ी मात्रा में छपे काले धन को बैंकिंग प्रणाली में वापिस लाया जाए। इस मिशन की शुरूआत 8 नवंबर 2016 को हुई जब सरकार ने एक क्रांतिकारी पहल करते हुए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का अवमूल्यन कर दिया।
मुख्य भाग
भारत सरकार ने काले धन और नकली मुद्रा द्वारा चलाई जा रही समानांतर अर्थव्यवस्था, जिसे मुख्य तौर पर अपराधियों एवं आतंकवादियों की फंडिंग के लिए प्रयोग किया जा रहा था, को समाप्त करने के लिए पुराने नोटों का अवमूल्यन कर दिया। इस निर्णय की वजह से पैसे की भारी कमी से जूझते लोगों को अपनी पुरानी मुद्रा बदलवाने एवं नई मुद्रा प्राप्त करने के लिए बैंकों एवं एटीएम के बाहर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ा और इस वजह से लोगों को डिजिटल माध्यम का सहारा लेना पड़ा और सरकार भी यही चाहती थी कि ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल माध्यम का यूज करें क्योंकि डिजिटल माध्यम पर निगरानी रखी जा सकती है और काला धन और नकली नकली मुद्रा पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। इसी वजह से सरकार भी नकदी रहित अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दे रही है।
मुद्रा के विमुद्रीकरण के बाद देश में डिजिटल माध्यम द्वारा नकद लेनदेन में भारी उछाल देखा गया है। क्रेडिट / डेबिट कार्डी, मोबाइल फोन यूपीआई, भीम एप, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली या ई-पर्स के तहत विभिन्न अनुप्रयोगों के द्वारा नकदी रहित अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने कि दिशा में अपेक्षित प्रगति दर्ज की गई है।
निष्कर्ष
भारत जैसे विशाल देश में जहां एक बड़ी जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिताने को मजबूर है, नकदी रहित अर्थव्यवस्था (कैशलेश इकॉनमी) लागू करने में कठिनाईयां आना तो स्वभाविक है लेकिन इस दिशा में प्रयास शुरू करना जरूरी था। आज डिजिटल माध्यम से मौद्रिक लेन-देन के प्रति लोगों के मानसिकता में एक बड़ा परिवर्तन आया है। लोग जान गए हैं कि डिजिटल माध्यम भी सुरक्षित, आसान, सुविधाजनक एवं पारदर्शी है।
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