Advantages and Disadvantages of Computer essay
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Advantages and Disadvantages of Computer Essay
विज्ञान ने मानव को अनेक प्रकार की सुख, सुविधाएँ, व क्रांतिकारी उपकरण दिए है। लेकिन कम्प्यूटर एक अनोखी एवं चमत्कारी देन है। जिसने कि विज्ञान की उन्नति में भारी योगदान दिया है जो जोड़, घटाने, गुणा, भाग जैसी क्रियाओं को बड़ी शीघ्रता और शुद्धता से करती है। इसने अन्य सभी वरदानों को पीछे छोड़ दिया है।
कम्प्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बेबेज़ ने 1946 में किया था। तब इसका नाम एनिक (ENIAC) Electronic Numerical Integrator and Computer था। यह कम्प्यूटर लम्बी-लम्बी गणनाएँ कर सकता था और उनके परिणामों को मुद्रित कर देता था। पहले कम्प्यूटर आकार में बड़ा बनाया गया था। प्रतिदिन नए-नए मॉडल के कम्प्यूटर विकसित किए जा रहे है। इसका आकार छोटे से छोटा होता जा रहा है। यहाँ तक कि मिनी कम्प्यूटर, लैपटॉप ही नहीं, मोबाइल में भी कम्प्यूटर के कार्यक्रम मौजूद है।
कम्प्यूटर मानव का आज्ञाकारी सेवक है। मानव के शरीर के अंगों की तरह इसके भी विभिन्न अंग होते हैं और मानव शरीर की नाड़ियों की तरह इसमें भी बारीक तारों का जाल गुँथा रहता है। कम्प्यूटर एक मशीनी मानव है। कम्प्यूटर की अपनी ही एक भाषा होती है वह उसी भाषा में दिए गए संदेश को समझ सकता है।
कम्प्यूटर के पाँच प्रमुख भाग होते है :
1. आगत (Input) – यह वह भाग है जिसमें मनुष्य द्वारा कार्यक्रम या आँकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं।
2. स्मृति (Memory)- इसमें कार्यक्रमों या आँकड़ों का संग्रह करके रखा जाता है।
3. संसाधन (Processing)- इस अंग में गणना की जाती है।
4. नियन्त्रक (Control Unit)- यह भाग एक अंग से दूसरे अंग तक पहुँचाने के लिए उपयोग होता है।
5. निर्गत (Output)- यह रिपोर्ट प्रस्तुत करने व छापने के लिए प्रयोग होता है।
जीवन में बढ़ता प्रयोग
भारत में भी कम्प्यूटर का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए आज इसका प्रयोग स्कूलों में, बैंकों में, हिसाब-किताब रखने में, रेलवे-हवाई जहाजों के आरक्षण में, सरकारी दफ्तरों आदि में इसका प्रयोग व्यापक रूप से होने लगा है। कम्प्यूटर से काम शीघ्रता से होता है तथा ग़लतियों की संभावना कम होती है। इसलिए कार्यालयों के रोजमर्रा के कामों को कम्प्यूटर द्वारा अधिक व्यवस्थित रखा जाता है। बच्चे तो बहुत छोटी उम्र में ही कम्प्यूटर के सारे कार्य सीखने लगते हैं इसलिए यह स्कूलों, कॉलेजों में, विद्यार्थियों की रुचि का केन्द्र है। विज्ञापनों में, मंनोरंजन क्षेत्रों में, कम्प्यूटर ने क्रांति ला दी है। किसी भी विषय में कोई भी जानकारी चाहिए हो तो बस इंटरनैट का प्रयोग कीजिए। आज कम्प्यूटर ने अपनी उपयोगिता से अपनी धाक जमा ली है।
जिस तरह हम टेलीफ़ोन से दूर बैठे लोगों से बात कर सकते हैं: उसी तरह कम्प्यूटरों को भी एक, दूसरे से जोड़ दो, तो दूसरे कम्प्यूटर से भी सूचनाएँ ले सकते है। कम्प्युटरों को जोड़ने की व्यवस्था की कम्प्यूटर नैटवर्क कहते है।
कम्प्यूटरों द्वारा समय तथा तिथि के आधर पर जन्म-पत्री भी तैयार की जाती है, भविष्य जान सकते है। आज के जीवन में कम्प्यूटर का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है।
मौसम संबंधी सूचनाएँ
आधुनिक युग में सूचना संसाधन का महत्व बढ़ गया है। मौसम विभाग प्रकृति से प्राप्त सूचनाओं का संसाधन करके बता देता है कि कहाँ तूफ़ान आएगा या भारी वर्षा होगी। कम्प्यूटर संसाधन से प्राप्त ये भविष्यवाणियाँ अधिकतर सही होती हैं। इससे जानमाल की रक्षा हो जाती है। बिना कम्प्यूटर के यह काम मुश्किल होता है इसलिए कम्प्यूटर का हमारे लिए बहुत महत्व है।
विभिन्न व्यवसायों में प्रयोग
पुराने जमाने से लेकर कम्प्यूटर युग के आने से पहले तक प्रत्येक वस्तु का डिजाइन हाथों से तैयार किया जाता था किन्तु आज प्रत्येक कम्पनी प्रत्येक वस्तु के सैकड़ों डिज़ाइन कम्प्यूटर के पर्दे पर देखकर सही डिजाइन चुन सकती है जिस पर कोई ख़ास ख़र्च नहीं होता बल्कि सही चुनाव हो जाता है। इसको आज ‘कम्प्यूटर डिजाइनिंग’ के नाम से जाना जाता है। यदि आपको कोई इमारत, बनानी हो, कोई पुल बनाना हो, या कोई हवाई जहाजों का उत्तम मॉडल तैयार करना हो, तो यह कार्य कम्प्यूटर की सहायता से आसानी से हो जाता है।
हानियाँ
वर्तमान युग में मानव कम्प्यूटर पर इतना आधारित हो गया है कि कम्प्यूटर के बगैर तो मानव जीवन संभव ही नहीं लगता। किन्तु इसका प्रयोग संभलकर करना चाहिए क्योंकि किसी भी चीज़ की अति हानिकारक होती है। कम्प्यूटर मानवता के लिए वरदान भी सिद्ध हुआ है और अभिशाप भी। हालांकि कम्प्यूटर कई लोगों का कार्य एक साथ कर सकता है। जिससे बहुत से मजदूर एवं कार्यकर्ता बेकार हो जाएंगे।
परमाणु बम्बों का विकास, रासायनिक हथियारों जैसे विनाशकारी हथियार भी कम्प्यूटर की सहायता से ही तैयार किए जा रहे हैं। अपराधी प्रतिदिन आघाती योजनाएँ कम्प्यूटर की सहायता से बना रहे हैं। जिससे साइबर अपराधों का ग्राफ़ तेजी से ऊपर जा रहा है।
छात्र कम्प्यूटर के दीवाने हो गए। हैं। वह दिन-रात, खाते-पीते, हर समय कम्प्यूटर के सामने बैठना ही पसन्द करते हैं। जिससे न केवल उनकी पढ़ाई में बाधा पड़ी है बल्कि घण्टों कम्प्यूटर के सामने बैठने से आँखों की ज्योति पर बुरा असर पड़ता है। सिरदर्द की शिकायत बच्चों को आमतौर पर रहती हैं जिससे छोटी आयु में भी बच्चों को चश्में लग जाते हैं। माता-पिता की अनुपस्थिति में बच्चे विदेशी अश्लील वेबसाइट भी देखते हैं जिससे समाज में युवा वर्ग का चरित्र पतन की ओर जा रहा है।
कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि चलाते समय घण्टों ग़लत मुद्रा में बैठने, असमय भोजन करने, काम करते-करते भोजन करने आदि से स्वस्थ जीवन एवं शरीर पर कुप्रभाव पड़ता है। शारीरिक कसरत भी कम हो गई है। यह अवसाद का कारण भी बन रहा है। बच्चों तथा बड़ों में रक्त-संचार सम्बन्धी समस्याएँ पनप रही हैं। युवापीढ़ी का कीमती समय नष्ट होना आम बात हो गई है। जो आज राष्ट्रीय एवं सामाजिक जीवन के लिए भावी ख़तरा बनता जा रहा है।
उपसंहार
कम्प्यूटर को भारत में प्रचलित हुए अधिक वर्ष नहीं बीते, परन्तु बड़ी तेज़ी से यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनता जा रहा है। बच्चे से बूढ़े तक इसे चलाने में दिलचस्पी लेते हैं। फिर भी यह वरदान अधिक सिद्ध हुआ है। कम्प्यूटर हालांकि इस सदी की सर्वश्रेष्ठ खोज है। आज प्रत्येक कार्यालय में इसका प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। पहले जिस कम्प्यूटर के उपयोग को बेकारी का कारण माना जाता था, आज वही कम्प्यूटर युवा पीढ़ी को रोजगार प्रदान करने में मुख्य भूमिका निभा रहा है।
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