Essay on Adventure in Hindi रोमांच पर निबंध
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Essay on Adventure in Hindi 500 Words
रोमांच पर निबंध
जीवन में कभी भी किसी साहसिक काम को बिना किसी डर के पूरे साहस और उत्साह के साथ करना रोमांच है। रोमांच जीवन में रोमांचकारी अनुभव देता है, जिसे मनुष्य कभी भी अपनी पूरी ज़िन्दगी में भूल नहीं पता। रोमांचकरी व्यक्ति कभी भी परिणाम के बारे में नहीं सोचते, अगर परिणाम सकारात्मक हुआ तो लाभ पहुँचता है और अगर नकारात्मक तो हानि होती है।
मुझे अभी भी याद है मेरे स्कूल का वो पहला दिन जो मेरे लिए बहुत ही रोमांच से भरा था। इस दिन का मुझे बहुत बेसब्री से इंतज़ार था क्युकि स्कूल के बारे में मेरे माता पिता ने मुझे पहले ही बहुत उत्शाह से भर दिया था। स्कूल जाने के इस पहले दिन को मै अपनी ज़िन्दगी में कभी भी नहीं भूल सकता, मुझे हमेशा यह दिन याद रहता है कि कैसे मैं सुबह खुद ही जल्दी उठ कर, तरोताजा, नहाकर, नाश्ता करके स्कूल जाने के लिए जल्दी जल्दी त्यार हो गया था। स्कूल जाने के लिए मैं बहुत ही ज्यादा उत्साहित था हालांकि मेरे माता पिता मेरे स्कूल जाने के लिए बहुत ही चिंतित थे क्योंकि मैं बहुत शरारती था। खेल खेल मे नोक-झोक होने के कारन मेरी बहुत सारी शिकायते अक्सर मेरे घर मेरे से पहले पहुंच जाती थी। मेरे माता पिता ने मुझे सिखाया की कैसे सभी चीजों को सही समय पर सही तरीके से किया जाता है, जिस वजह से मैं आज भी अपने प्रत्येक काम को सही और निर्धारित समय में पहले ही पूरा बहुत आसानी से कर लेता हूं। मुझे आज भी याद है कि स्कूल जाने से पहले में रातभर सोया नहीं था क्योंकि स्कूल के पहले दिन के लिए मैं बहुत रोमांच से भरा हुआ था।
मैंने स्कूल के कपड़े, जूते पहने और कंधों पर अपना बैग टांग लिया। मेरी पानी की बोतल मेरे हाथों में थी, यह सभी चीजें मेरी मां मेरे स्कूल ले जाने के उद्देश्य से खरीद कर लाई थी, जिसका पता मुझे सुबह लगा। नए कपडे और जूते मेरे पर बहुत अचे लग रहे थे। मे पिताजी के पैर छूकर निकल पड़ा माताजी के साथ स्कूल के लिए, जिसके लिए मुझे बेसब्री से इंतजार था। रास्ते में चिड़ियों की आवाज गूंज रही थी हल्का-हल्का सूर्य का प्रकाश बढ़ रहा था। मेरी तरह और स्कूल के बच्चे भी रास्ते में मिले जो मेरी ही कक्षा के थे ।आज भी हम बहुत अच्छे मित्र हैं, हम सब इकट्ठे होकर, वह स्कूल वाले दिन याद करते हैं कि छोटे होते हम कैसे मिलें और उस वक्त की शरारतों को याद करके बहुत हंसते हैं।
मेरी मां और मित्रों के साथ मैं कक्षा में पहुंचा और अध्यापकों से मिला। मेरी मां बाहर बगीचे में अन्य माओं की तरह इंतजार करने लगी। मैं कक्षा में बहुत ही शांत था। हमारे अध्यापक ने हमें पहले दिन कहानियां सुनाई। 2 घंटे बाद स्कूल की छुट्टी हो गयी और हम अपनी अपनी माताओं के साथ घर के लिए निकल गए। घर आकर मेरी मां ने मेरी तरफ मुस्कुराकर कहा तुम एक अच्छे बच्चे को तो अचे बचो की तरह मुझे कहानी सुनाओ जो अध्यापक ने स्कूल में सुनाई।
स्कूल का पहला दिन मेरे लिए बहुत ही रोमांच से भरा था।
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