Essay on Bharatmala project in Hindi भारतमाला परियोजना पर निबंध
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Essay on Bharatmala Project in Hindi – भारतमाला परियोजना पर निबंध
Essay on Bharatmala Project in Hindi 500 Words
परिचय
भारतमाला परियोजना एक राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना हैं। इसके तहत नए राजमार्ग के अलावा उन परियोजनाओं को भी पूरा किया जाएगा तो अब तक अधूरे हैं। बंदरगाहों और सड़क, राष्ट्रीय गलियारों को ज्यादा बेहतर बनाना और राष्ट्रीय गलियारों को विकसित करना भी इस परियोजना में शामिल है। इसके अलावा पिछड़े इलाकों, धार्मिक और पर्यटक स्थल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग बनाए जाएंगे। चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के बीच कनेक्टिविटी बेहतर की जाएगी।
मुख्य भाग
किसी देश के आर्थिक, सामाजिक विकास में सड़कों की अहम भूमिका होती है। एक सड़क अपने आप में सिर्फ कंक्रीट या कोलतार नहीं होती है, बल्कि जिन इलाकों से सड़के गुजरती हैं वो अपने साथ विकास की किरण भी लाती है। भारत के पूर्वी और पश्चिमी भाग में सड़कों के जाल का अंतर भी स्पष्ट तौर पर नजर आता है।
भारतमाला परियोजना गुजरात और राजस्थान से शुरू होकर, पंजाब की ओर चलेगी और फिर पूरे हिमालयी राज्यों – जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड – और तराई इलाकों के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार की सीमाओं को कवर करेगी और पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और मिजोरम में भारत म्यांमार की सीमा तक जायेगी। आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों सहित दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
भारतमाला का पूरा प्रोजेक्ट 60,000 किमी का है। पहले चरण में 24,800 किमी के साथ एनएचडीपी के तहत अधूरी पड़ी 10,000 किमी की परियोजनाओं को शामिल किया गया है।जिसमे 5,35,000 करोड़ खर्च होने का अनुमान है।भारतमाला का पहला चरण 2017-18 से शुरू होगा, 2021-22 तक पांच साल की अवधि में इसे पूरा किया जाएगा।
आर्थिक कॉरीडोर देश में 44 आर्थिक गलियारा निर्माण करने की योजना है। पहले चरण में आर्थिक गलियारे के रूप में 9,000 किमी सड़क विकसित की जाएगी। 28 शहरों में रिंग रोड, 45 शहरों में बाईपास और 34 कोरिडोर्स में लेन एक्सपांशन बढ़ने के कारण समय, ईंधन और धन की बचत होगी। इससे माल ढुलाई की क्षमता बढ़ेगी तथा लाजिस्टक लागत 18% से घटकर 12% हो जाएगी।
सीमा और अंतरराष्ट्रीय सम्पर्क
बांग्लदेश , भूटान , नेपाल के साथ व्यापार बढ़ाने का समझौता किया है। इस योजना से पूर्वोत्तर क्षेत्र को इन देशों से जोड़ने का सबसे ज्यादा फायदा होगा।
निष्कर्ष
भारतमाला प्लान से सीमावर्ती इलाकों से बेहतर कनेक्टिविटी संभव होगी, सड़कें बेहतर होने पर मिलिट्री ट्रांसपोर्ट बेहतर हो सकेगा। ये सड़कें बन जाने पर बॉर्डर ट्रेड भी बढ़ेगा। साथ ही, कई राज्यों में बेहतर सड़कों से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इस योजना में सड़कों का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी राज्यों में बनेगा, जहां कनेक्टिविटी और इकनॉमिक ऐक्टिविटी का मामला कमजोर है।
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