Essay on Chandrashekhar Azad in Hindi चंद्रशेखर आजाद पर निबंध
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चंद्रशेखर आजाद पर निबंध Essay on Chandrashekhar Azad in Hindi
Essay on Chandrashekhar Azad in Hindi 300 Words
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर का जन्म 23 जुलाई,1906 को मध्यप्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगरानी देवी था। अपनी भारत मां को अंग्रेजो के जुल्म से आजाद कराने के लिए मुस्कुराते हुए जान देने वालों में से एक थे चंद्रशेखर आजाद। बचपन से ही अंग्रेजी सम्राज्यवाद का घोर विरोध करने वाले चंद्रशेखर आजाद स्वभाव से निडर, दबंग, साहसी, सच्चे और महान देशभक्त थे।
गांधीजी के साथ असहयोग आंदोलन में भाग लेते हुए जब उन्हें जेल भेजा गया, तो उन्होंने अपना नाम “आजाद”, पिता का नाम “स्वतंत्रता” और घर का पता “जेल” बताया। चंद्रशेखर आजाद,मात्र 17 वर्ष की आयु में क्रांतिकारी दल ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ में सामिल हो गए। उन्होंने दल में प्रभावी भूमिका निभाई। भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु और बटुकेश्वर दत उनके दल के साथी थे। काकोरी काण्ड, सांडर्स वध, असेम्बली में भगत सिंह द्वारा बम फेंकना, वायसराय की ट्रेन बम से उड़ने की चेष्टा, सबके नेता वही थे।
एक दिन चंद्रशेखर पार्क में बैठे अपने दोस्त से सलाह कर रहे थे तब मुखबिर के कहने पर पुलिस ने उन्हें चारो तरफ से घेर लिया था और उन पर गोलियों से आक्रमण किया। युवा क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने मरते दम तक अंग्रेजो के हाथ नहीं आने की कसम खाई थी और मरते दम तक वे अंग्रेजो के हाथ भी नहीं आए थे। आजाद भी पेड़ के पीछे से गोलियों से वार कर रहे थे लेकिन जब आखिरी गोली रह गई तो उन्होंने खुद को ही मार दी ताकि अंग्रेजी सरकार द्वारा वह पकड़े न जाए। 27 फरवरी,1931 को आजाद को वीरगति की प्राप्ति हुई थी। उनके बलिदान से हजारों युवक स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।
जिस पार्क में उनका निधन हआ था आजादी के बाद उस पार्क का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद पार्क रखा गया। एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में आज़ाद को सदैव याद किया जाएगा।