Essay on Climate Change in Hindi जलवायु परिवर्तन पर निबंध

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Essay on Climate Change in Hindi जलवायु परिवर्तन पर निबंध

Essay on Climate Change in Hindi

Essay on Climate Change in Hindi 300 Words

“जलवाय में होने वाले नकारात्मक परिवर्तन जो मानव को प्रतिकूल रुप से प्रभावित करते हे लेकिन विडंबना के की इसका जिम्मेदार भी मानव है”

जलवायु परिवर्तन क्या है? जलवाय से आशय है किसी स्थान की लम्बे समय तक मौसम की दशा परिवर्तन से आशय है उसमे होने वाला बदनाव आर्थात जलवायु परिवर्तन औसत मोसम की दशाओ में होने वाला परिवर्तन जो प्राक्रतिक या मानवीय क्रियाकलापों से होता है। वर्तमान में इसमें कुछ नकारात्मक परिवर्तन हो रहे है जिसका जिम्मेदार मानव की गतिविधिया है।

जलवायु परिवर्तन के प्राक्रतिक कारण –

  1. सौर कलंक = सर्य पर काले धब्बे की संख्या बड़ने पर मौसम ठंडा वा आद्र हो जाता है और तुफानो की संख्या बाद जाती है जबकि संख्या घटने पर उष्ण व शुष्क दशाए पैदा होती है।
  2. मिलैकोविच दोलन सिद्धांत = ये सिद्धांत सूर्य के चारो और पृथ्वी के कक्षीय लक्षणों में बदनाव या पृथ्वी के अक्षीय झुकाव आदि में परिवर्तन के आधार पर पृथ्वी को प्राप्त होने वाले सूर्य ताप की मात्र के घटने व बड़ने के आधार पर जलवायु परिवर्तन की व्याख्या करता है।
  3. जवालामखी क्रिया = इससे निकलने वाली धुल व गैसों से वायुमंडल ढक जाता है जिससे सूर्य की रोशनी प्रथ्वी पर नहीं आ पाती है जिससे पृथ्वी का औसत तापमान कम हो जाता है।

ओजोन क्षरण – ओजोन समताप मंडल में पाई जाने वाली गैसों का आवरण हैं जो 12-35 किमी में अधिक कुल 60 किमी की ऊँचाई तक मिलती है और प्रथ्वी पर आने वाली ‘पराबैगिनी किरणों को प्रथ्वी पर आने से रोकती है। ओजोन में ऑक्सिजन के 3 अणु होते हैं। प्रथम ओजोन छिद्र जोसेफ फरमन ने 1985 में अन्टार्कटिका के उपर खोजा। इसमें छेद मुख्य रूप से क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (CFC) के कारण होता है जिसका प्रयोग एरोसोल,AC, फ्रिज, और अग्निशामको में होता है। पराबैगिनी किरणों से त्वचा के रोग और कैसर तक हो सकता है।

वौश्विक तापमान (ग्लोबल वार्मिंग) – ग्रीन हॉउस गैसों के बढ़ते सांद्रण के कारण धरती का तापमान बढ़ रहा है जिसके कारण धरती प्रेशर कूकर बन रही है।

इसके प्रभाव – बर्फ का पिघलना, समद्र तल का ऊपर उठना, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों के डूबने की संभवना है। महासागरीय धाराओं में परिवर्तन होगा जैव विविधता, खादयान उत्पादन, मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

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