Essay on Hockey in Hindi हॉकी पर निबंध
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Essay on Hockey in Hindi in 300 Words
बुजुर्ग कह गए हैं कि तेज दिमाग के लिए शरीर का सेहतमंद होना बहुत जरूरी है। ठीक ही तो है, जब तक हमारा शरीर चुस्त नहीं होगा, तब तक हम कोई भी काम अच्छे ढंग से भला कैसे कर पाएँगे? सेहत अच्छी रखने का सबसे मजेदार तरीका है, खेल। पूरी दुनिया में हजारों तरह के खेल खेले जाते हैं, जिनमें से एक है, हॉकी।
हम हिंदुस्तानियों के लिए हॉकी बहुत खास है, क्योंकि यह हमारा राष्ट्रीय खेल है। इसे हॉकी स्टिक और गेंद के साथ खेला जाता है। ध्यानचंद, उधम सिंह, बलबीर सिंह, धनराज पिल्लै जैसे खिलाडियों ने इस खेल में भारत का नाम खूब रोशन किया है।
हमारे देश में हॉकी 150 साल से भी पहले से खेली जा रही है। सबसे पहले 1928 में एम्सटर्डम में हुए ओलंपिक खेलों में भारतीयों ने पूरी दुनिया के सामने यह खेल खेला। धीरे-धीरे हमारे खिलाड़ी इस खेल में इतने माहिर हो गए कि 1928 से 1956 तक उन्होंने पूरी दुनिया में इस खेल में अपना वर्चस्व बनाए रखा। इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने ओलंपिक खेलों में लगातार 6 बार स्वर्ण पदक जीते। तब भारत ने 24 हॉकी मैच खेले और सभी जीते।
1960 के फाइनल मैच में भारत की टीम पाकिस्तान से हार गई, लेकिन 1964 के टोक्यो ओलंपिक्स में हमारी टीम ने एक बार फिर धुआँधार वापसी की और स्वर्ण पदक जीत लिया। 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भी यही जीत दोहराई गई। लेकिन अब यह सिलसिला टूट चुका है। हमने इस खेल पर ध्यान देना कम कर दिया था, पर अब सरकार और हॉकी संगठन कोशिश कर रहे हैं कि एक बार फिर हमारे हॉकी खिलाड़ी पूरी दुनिया में देश का नाम रोशन करें।
Essay on Hockey in Hindi in 500 Words
हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है जिसे दुनिया के सभी देशों द्वारा खेला जाता है जैसे- हॉलैंड, जर्मनी, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड। यह एक तेज खेले जाने वाला खेल है, जो दो टीमों के बीच बहुत जोश से खेला जाता है। बहुत ही रुचि और आनंद का खेल है, जिसमें बहुत ज्यादा गतिविधियाँ और अनिश्चितताएं शामिल होती हैं।
भारत 1928 में हॉकी का विश्व कप जीत चुका है और इसके इलावा ओलंपिक खेलों में भी भारत 6 बार स्वर्ण पदक जीत चुका है। 1928 से लेकर 1956 तक का सफर भारतीय हॉकी के लिए बहुत ही शानदार रहा है जिसकी वजह से हॉकी के खेल में भारत ने खूब नाम कमाया है। उस वक़्त हॉकी के खिलाड़ियों (ध्यान चन्द, अजीत पाल सिंह, धनराज पिल्लै, अशोक कुमार, ऊधम सिंह, बाबू निमल, बलबीर सिंह सीनियर, मोहम्मद शाहिद, गगन अजीत सिंह, लेस्ली क्लॉडियस) ने सभी का दिल जीत लिया था और आज भी हॉकी भारत में बहुत अच्छी खेली जाती है लेकिन हॉकी को इतना सम्मान नहीं मिल रहा जितना कि इसे पहले मिलता था।
हॉकी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है। यह हमारे शरीर की सहनशक्ति को सुधारने में हमारी मदद करता है। हॉकी खेलने वाले व्यक्ति हमेशा अपनी जिंदगी में प्रयास और लगन से काम नियमित रुप से करते रहते हैं जो उन्हें आगे बढ़ने मैं प्रेरित करता रहता है।
हॉकी एक मैदान में खेले जाने वाला खेल है, हलाकि ये खेल बिलकुल भी आसान नहीं है, पर इस खेल का नियमित अभ्यास करके इसे अच्छी तरह से खेला जा सकता है। प्रत्येक टीम ने 11 -11 खिलाड़ी होते हैं और इन सभी खिलाड़ियों का लक्ष्य अधिक अंक प्राप्त करना होता है जो अपनी हॉकी के द्वारा गेंद को मारते मारते गोल करने पर मिलते है। 11 – 11 खिलाड़ियों वाली दो टीमों में 5 आगे (फॉरवर्ड), दो पूरी तरह से पीछे की ओर (फुल बैक), 3 थोड़े पीछे की ओर (हॉफ फुल बैक)और एक गोल-कीपर के रुप में बँटे होते हैं।
भविष्य में इस खेल को नियमित रखने के लिए युवाओं का प्यार कभी भी काम नहीं होगा पर सुविधाओं की कमी के कारण हॉकी के खेल को भारत में बहुत नुकसान पहुंचा हे। जरूरत हे तो सरकार दवरा इस खेल को बढ़ाव देने की और सभी सुविधाओं देने की।
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