Essay on Humanity in Hindi मानवता पर निबंध
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Essay on Humanity in Hindi
मानवता पर निबंध
मनुष्य सृष्टि के सभी प्राणियों में श्रेष्ठ माना जाता है। इसका कारण स्पष्ट है कि मनुष्य सोच-समझ सकता है। अच्छे-बुरे की पहचान और दोनों में विवेक कर सकता है। अन्य समस्त प्राणियों की तुलना में केवल मनुष्य ही अच्छे को अच्छा, बुरे को बुरा कह सकने की बुद्धि और क्षमता रखता है। संसार में आज जो कुछ भी उच्च और महान् है, जितने प्रकार की भी प्रगति और विकास हुआ है, उन सबका एक मात्र कारण मनुष्य ही है। उसके अन्दर राक्षस और देवता दोनों एक साथ निवास करते हैं। जब राक्षस प्रबल हो कर जाग उठता है, तब मनुष्य चारों ओर कहर बरपाने लगता है। इसके विपरीत जब उसके भीतर का देवता सक्रिय हो उठाता है, तब वह दया की साकार मूर्ति बन जाता है। इस प्रकार स्पष्ट है कि इच्छा करने पर केवल मनुष्य ही है जो चाहे कुछ भी कर सकता है।
संसार में तरह-तरह के लोग हैं। धनी है, निर्धन हैं, पढ़े-लिखे हैं, अनपढ़ हैं। भरपेट खाने वाले हैं, तो भूखे ही सो जाने वाले भी हैं। स्वस्थ, सुन्दर और निरोग हैं, तो अस्वस्थ, कुरूप और रोगी भी हैं। शक्तिवान हैं, तो शक्तिहीन, दुर्बल प्राणी भी हैं। जो भूखा-प्यासा और सताया हुआ है, वह उतना ही अधिक हमारे प्यार और सहानुभूति और सहायता का अधिकारी है। आखिर वह बेचारा लाचार और पीड़ित व्यक्ति है। वह हमारी दया, सहानुभूति और प्रेम पाने का अधिकारी हो जाता है। समझदार महापुरुषों का यह स्पष्ट कहना है कि यदि कुछ और नहीं कर सकते तो कम-से-कम मनुष्य होने के नाते ऐसे लोगों से प्यार तो कर ही सकते हो। इतना ही पर्याप्त है। आगे बढ़ो, ऐसे लोगों को गले लगा कर अपनी मनुष्यता का परिचय दो।
समर्थ होकर भी जो व्यक्ति दूसरे मनुष्यों के दु:ख -दर्द को समझ कर उसे दूर करने का प्रयास नहीं करता, वह मनुष्य कहलाने का अधिकारी नहीं। समर्थ होकर जो आदमी दीन-दुखियों से प्यार नहीं करता, देश के उत्थान के लिए प्रयत्न नहीं करता, सभी को अपने समान मान कर उनके प्रति समता और प्रेम का भावे नहीं रखता, उसका होना न होना बराबर है।
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