Essay on Jaipur in Hindi जयपुर पर निबंध
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Essay on Jaipur in Hindi
राजस्थान की राजधानी जयपुर को भारत की पर्यटन राजधानी भी कहा जा सकता है। भारत आने वाला शायद ही ऐसा कोई विदेशी सैलानी हो, जो जयपुर घूमने न जाए। इसे भारत के सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में से एक माना जाता है। इस शहर के वास्तु के बारे में कहते हैं कि शहर को सूत से नाप लीजिए, नाप-जोख में बाल बराबर भी फर्क नहीं मिलेगा। 1896 में उस समय के महाराजा सवाई मानसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिज़ाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स अल्बर्ट के स्वागत में पूरे शहर को गुलाबी रंग से रैंगवा दिया था। तभी से यह शहर गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
तीन ओर से अरावली पर्वतमाला से घिरे इस शहर को 1728 में आमेर के महाराजा जयसिंह द्वितीय ने बसाया था। शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में बना एक और द्वार न्यू गेट कहलाया। प्रजा को अपना परिवार समझने वाले सवाई जयसिंह ने सुंदर शहर को इस तरह बसाया कि यहाँ पर नागरिकों को मूलभूत आवश्यकताओं के साथ अन्य किसी प्रकार की कमी न हो। अच्छी पेयजल व्यवस्था, बाग-बगीचे, कल-कारखाने आदि के साथ बारिश के पानी का संरक्षण और निकासी का प्रबंध भी करवाया। सवाई जयसिंह ने लंबे समय तक जयपुर में राज किया और इस बीच उन्होंने शहर में हस्तकला, गीत-संगीत, शिक्षा और रोजगार सभी को खूब बढ़ावा दिया।
शहर के मुख्य पर्यटन स्थलों में जंतर-मंतर, हवामहल, सिटी पैलेस, गोविंद देवजी का मंदिर, बी एम बिड़ला तारामंडल, आमेर का किला, जयगढ़ का किला आदि हैं। जयपुर के रौनक-भरे बाजारों में दुकानें रंग-बिरंगे सामान से भरी रहती हैं, जिनमें हथकरघा उत्पाद, कीमती पत्थर, कपड़े, मीनाकारी का सामान, आभूषण, राजस्थानी चित्र आदि शामिल हैं। इसके अलावा यह संगमरमर की मूर्तियों, जयपुरी रजाइयों और राजस्थानी जूतियों के लिए भी प्रसिद्ध है। आजादी के बाद जयपुर में कई महत्त्वाकांक्षी निर्माण भी हुए हैं। एशिया की सबसे बड़ी आवासीय बस्ती मानसरोवर, राज्य का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह अस्पताल, विधान सभा भवन, अमर जवान ज्योति, एम आई रोड, सेंट्रल पार्क इस कड़ी में शामिल हैं। पिछले कुछ सालों से जयपुर में मेट्रो संस्कृति के दर्शन भी होने लगे हैं। चमचमाती सड़कें, बहुमंजिला शॉपिंग मॉल, अपार्टमेंट संस्कृति आदि महानगरों की होड़ करते दिखते हैं।
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