मोर पर निबंध Essay on Peacock in Hindi
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Short Essay on Peacock in Hindi 150 Words
मोर एक बहुत सुंदर पक्षी है। इसकी गर्दन बहुत सुंदर व लम्बी है इसके पंखो पर चांद की तरह निशान है। यह भारत में कई जगह पाया जाता है। मोर का रंग गाढा हरा और नीला होता है। मोर बीज, अनाज, फल, कीडे खाता है। यह आम तौर पर बगीचे में रहता है। यह हानिकारक कीडे खाता है इसलिए यह किसानों का एक अच्छा मित्र भी है।
मोर वहाँ पर भी पाया जाता है जहाँ पर बडे-बडे पेड होते है। बारिश के मौसम में मोर नाचता है और जब वह अपनी पूंछ फैलता है तो उसकी पूंछ एक बडे पंखे की तरह लगती है। मोर का नृत्य एक लोकप्रिय नृत्य है। इसके पंख कई तरह की सुंदर चीजे बनाने में इस्तेमाल किये जाते है। यह भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
Ek Panchi Ki Atmakatha Nibandh in Hindi
Essay on Peacock in Hindi 300 Words
भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है, जो जंगल का सबसे अत्यन्त सुन्दर पक्षी है। कवि कालिदास ने भी मोर को छठी शताब्दी में राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया था। यह बड़ा शर्मीला और चतुर पक्षी है। हिन्दू धर्म में मोर का देवी-देवताओं से सम्बन्ध होने के कारण, इसे दिव्य पक्षी का मान्यता है। मोर देवताओं के सेनापति और शिव के पुत्र कार्तिकेय का वाहन है, जिस कारन भारत में इसे भी गौ माता के सामान पूजा जाता है।
मोर के सर पर मुकुट जैसी खूबसूरत कलंगी होती है और इसके आकर्षक रंगीन पंख काफी लंबे होते हैं। इसकी लंबी गर्दन पर सुंदर नीले मखमली रंग होता है और टांगे भी बहुत बदसूरत होती है। मोर का नृत्य बहुत प्रसिद्ध है। नाचते वक़्त मोर अपनी पूंछ को उठाकर पंखे की तरह फैला लेता है मगर धीमी गति का नृत्य करता है। मयूर नृत्य समूह ने किया जाता है। ऐसा कहा जाता है की नाचते वक़्त मोर इतना बेसुध हो जाता है, कि दुश्मन उसे आसानी से पकड़ लेते हैं।
यह भारत के सभी क्षेत्रों में पाया जाता है। मोर नुकसानदायक कीट-पतंगों को खाता है और इसलिए यह किसानों का अच्छा मित्र होता है। मोर शब्द पुलिंग है तथा स्त्रीलिंग को मोरनी कहते हैं। मोर लम्बाई में लगभग 90 से 130 सेंटीमीटर तक बढ़ता है और भार लगभग 4 – 6 किलो तक होता है। मोर 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चल सकते है। पिंजरे में रखा गए मोर की आयु लगभग 23 साल की होती है और जंगलो में रहने वाला मोर तकरीबन 15 वर्षो तक ही जिन्दा रह पता है।
मोर का शिकार भारत में पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसे भारतीय वन्य-जीवन अधिनियम 1972 के तहत पूर्ण सरक्षण दिया गया है।
Essay on Peacock in Hindi 350 Words
अगर मैं आपसे आँखें बंद कर सबसे सुंदर पक्षियों की सूची बनाने को कहूँ, तो शायद आपमें से अधिकतर लोग रंग-बिरंगे पंखों वाले मोर का ही नाम लेंगे। मोर होता ही इतना खूबसूरत है कि उसे पक्षियों का सरताज कहा जाता है। हम भारत के लोगों के लिए तो वह और भी खास है, क्योंकि वह हमारा – राष्ट्रीय पक्षी है। सिर पर सुंदर कलगी और सुराहीदार गर्दन वाली मोर प्रजाति में नर मादा से अधिक सुंदर दिखता है। एक नर मोर के करीब 200 पंख एक गुच्छे के रूप में रहते हैं जबकि मादा मोर के इतने घने और खूबसूरत पंख नहीं होते और उसका रंग कुछ कत्थई होता है।
संस्कृत में मयूर, अंग्रेजी में पिकॉक और उर्दू में ताऊस कहलाने वाले मोर का वैज्ञानिक नाम ‘पेवो क्रिस्टेटस’ है। यह भारत का स्थायी पक्षी है और गंगा तथा यमुना के मैदानी इलाकों और मध्य प्रदेश के जंगलों में बड़ी संख्या में पाया जाता है। वैसे कुछ हिस्सों को छोड़ दें, तो आप इसे पूरे देश में कहीं भी देख सकते हैं। यह अनाज, बीज और वनस्पतियों के साथ ही छोटे साँप, कीट और छिपकलियाँ भी बड़े चाव से खाता है। यह राष्ट्रीय पक्षी होने के साथ ही उड़ीसा का राज्य पक्षी भी है।
मोर को वर्षा के साथ भी जोड़कर देखा जाता है, इसलिए जब भी यह अपने पंख फैलाकर नाचने लगता है, तब माना जाता है कि वर्षा होने वाली है। काले-घने बादल छाने पर मोर खुश होकर नाचने लगता है। यह नृत्य इतना सधा हुआ होता है कि हमारे लोकनृत्य भरतनाट्यम में भी इसकी झलक देखने को मिलती है। हमारे देश में मोर का शिकार प्रतिबंधित है।
भारतीय डाक और तार विभाग ने इसके सम्मान में अब तक कई डाक टिकट जारी किए हैं।
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