Essay on Sangati Ka Prabhav in Hindi
|Essay on Sangati Ka Prabhav in Hindi. Essay on
Essay on Sangati Ka Prabhav in Hindi
विचार-बिंदु- • उक्ति का अर्थ • संगति का प्रभाव अवश्यंभावी • दुर्जनों का बुरा प्रभाव • काजर की कोठरी में कैसो हू सयानो जाय, एक रेख काजर की लागी है पै लागी है • जैसे मित्र वैसा प्रभाव • मित्रता विचारपूर्वक करनी चाहिए • मित्र-एक शक्ति।
इस उक्ति का अर्थ है – मनुष्य जिस संगति में बैठता है, उसे वैसा ही फल मिलता है। बुरे की संगति में बुरा फल मिलता है। अच्छे के साथ रहने से अच्छा परिणाम निकलता है। कहने का आशय यह है कि संगति का प्रभाव अवश्य होता है। एक प्रसिद्ध कहावत है – काजर की कोठरी में कैसो हू सयानो जाय, एक रेख काजर की लागी है पै लागी है। यदि सज्जन दुर्जनों से घिरा रहेगा तो दुर्जनों के अवगुण उस पर अवश्य प्रभाव करेंगे। जिन मित्रों के साथ हम रहते हैं, उनके प्रभाव से बचना अत्यंत कठिन है।
यदि मित्र अच्छे होंगे तो हमें अच्छाई की ओर अग्रसर करेंगे। यदि वे मौजी, विलासी और घुमक्कड़ होंगे तो हमें भी वैसा बना देंगे। यदि वे पढ़ाकू, गंभीर और जागरूक होंगे तो हमें भी जागरूक बना देंगे। अतः हमें सोच-समझकर मित्रता करनी चाहिए। किसी विद्वान ने कहा है कि मित्र बनाना एक बड़ी शक्ति की उपासना करना है। इसलिए हमें मित्र बनाते समय यह सोचना चाहिए कि हम कैसे बनना चाहते हैं? यदि सफल बनना चाहते हैं तो सफल लोगों के साथ मित्रता करें। यदि समाज-सेवा करना चाहते हैं, तो सज्जनों से मित्रता करें। मित्रता अपना प्रभाव अवश्य छोड़ती है।
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