Essay on Shimla in Hindi शिमला पर निबंध
|Hello, guys today we are going to discuss an essay on Shimla in Hindi. We have written an essay on Shimla in Hindi in 1000 words. Now you can take an example to write Shimla essay in Hindi in a better way. Essay on Shimla in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. शिमला पर निबंध।
Essay on Shimla in Hindi
पर्वतीय स्थान की यात्रा और रेल में सफ़र करना किसे नहीं सुहाता? कालका-शिमला की रेल यात्रा हो तो क्या कहना? गर्मी की छुट्टियाँ होते ही स्कूल की ओर से शिमला जाने का कार्यक्रम बनाया गया। सहेलियों के साथ शिमला जाने की बात सोचकर मैं बहुत ही उत्साहित और प्रसन्न थी इसलिए झट से तैयारी कर ली।
मेरे माता-पिता जी मुझे रेलगाड़ी में बैठाने के लिए चंडीगढ़ के रेलवे स्टेशन तक आए। मैं अध्यापकों एवं सहेलियों के संग रेलगाड़ी में चढ़ गई। मैं डिब्बे में खिड़की वाली सीट पर बैठ गई। कुछ देर बाद रेलगाड़ी चल पड़ी। मैं अपने माता-पिता को तब तक देखती रही जब तक वे आँखों से ओझल नहीं हो गए। शहर छोड़ने के थोड़ी देर बाद हम सबने अपना-अपना नाश्ता निकाल लिया। मिलकर नाश्ता करने में जो मजा आया, वह पहले कभी नहीं आया। कुछ देर बाद हमने अंत्याक्षरी का खेल आरम्भ किया। सब मिलकर नाचते, गाते और शोरगुल करते कब कालका पहुँच गए पता ही नहीं चला? आगे कालका से हमें शिमला जाने वाली छोटी लाइन वाली रेलगाड़ी द्वारा यात्रा करनी थी। अध्यापिका ने रेलमार्ग के ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी दी कि यह पचानवें (95) किलोमीटर लम्बा है और यह यात्रा लगभग छह घण्टे में पूरी होती है। इस मार्ग में 102 सुरंगों को पार करना पड़ता है। इसका एक दिलचस्प पहलू यह है कि इस रेलमार्ग का निर्माण अंग्रेज़ इंजीनियरों ने एक अनपढ़ ग्रामीण ‘भलखू’ की मदद से किया था। वह आगे-आगे कुदाल से निशान लगाता गया और अंग्रेज इंजीनियर उसका अनुसरण करते गये। अध्यापिका यह जानकारी दे ही रहीं थी कि तभी रेलगाड़ी प्लेटफॉर्म पर आ गई। हम सब अपने सामान सहित उसमें सवार हो गए। रेलगाड़ी शिमला की ओर बढ़ने लगी।
प्रकृति के सुन्दर दृश्य एक-एक करके आँखों के सामने से गुजरने लगे। कहीं घने जंगल, पहाड़ों से रिसता पानी, तो कहीं झरनों के रूप में कल-कल करता पानी, कहीं अकेली सीनाताने खड़ी चट्टानें थी। हवा के झोकों के साथ पत्ते, झाड़ियां और फूल इस तरह हिल रहे थे मानों नृत्य कर रहे हों।
धीमी चाल से रेंगती हुई गाड़ी बड़ोग के पास पहुँची। इस मार्ग की सबसे लम्बी (3752 फुट) बड़ोग सुरंग पार करते ही हवा के ठण्डेठण्डे झोंकों ने हमारा स्वागत किया। उसके बाद लगातार सुरंगों को पार करते हुए गाड़ी तारादेवी सुरंग के निकट पहुँच गई । यहाँ से तारादेवी मंदिर का पहाड़ों के ऊपर नज़ारा ही अलग था। तारादेवी स्टेशन पर कुछ क्षण रुकने के बाद गाड़ी शिमला पहुँच गई। हल्का अंधेरा और मीठी ठण्ड हो गई थी। हमारे ठहरने की व्यवस्था माल रोड पर गुलमर्ग होटल में थी। हम सब गाड़ी में से सामान उतारकर लिफ्ट के रास्ते से माल रोड पर पहुँच गए। होटल में दो बड़े-बड़े कमरों में हमारे रहने का इंतजाम था। हमने अपने कमरों में सामान रखा, मुँह-हाथ धोया और कपडे बदले। फिर माल रोड पर खाना खाकर, टहलते-टहलते रिज पर पहुँच गए। वहाँ से पहाड़ों में बसे घरों, होटलों इत्यादि की जल रही बत्तियों का नजारा दीपमाला का आभास करवा रहा था। ये दश्य देखते-देखते हम होटल में वापिस आ गए। रात काफ़ी हो चुकी थी किन्तु किसी की भी आँखों में नींद नहीं थी। सब मौज-मस्ती के मिजाज़ में थे। गाना, बजाना, चुटकुले आदि सुनते-सुनते एक-एक करके कब सोये पता ही न चला?
मॉल रोड, रिज, जाखू मंदिर, कुफ़री, लक्कड बाजार, लोअर शिमला. अप्पर शिमला आदि पर घूमते, बर्फबारी में खेलते, खरीदारी करते करते तीन दिन और तीन रातें जल्दी ही गुजर गई। चौथे दिन सुबह नाश्ते के बाद हम बस द्वारा वापिस चल पड़े। हालांकि किसी का भी मन वापिस आने को नहीं था।
रास्ते में फिर पर्वतीय दृश्य देखते-देखते हम बहुत खुश और आनंदित हो रहे थे। ऊँची-नीची पहाड़ियाँ, गहरी खाइयाँ, घुमावदार मोड़, पहाड़ियों से गिरते झरने देखकर मन मोहित हो रहा था। इन मनमोहक दृश्यों के चित्र खींचते-खींचते हम वापसी का सफ़र तय करते जा रहे थे। सड़कों के किनारे सीढ़ीनुमा खेती कर रहे ग्रामीण अपनी हिमाचली वेशभूषा में अति आकर्षक लग रहे थे। ज्यों-ज्यों हम अपने घरों की ओर बढ़ रहे थे, त्यों-त्यों हम उस पर्वतीय प्रदेश से दूर होते जा रहे थे। बस | वारा हम चंडीगढ़ बस स्टैंड पहुँचकर खुशी-खुशी माता-पिता के साथ घर लौट आए। यह अनोखा आनन्ददायक अनुभव जीवन भर याद रहेगा।
More Essay in Hindi
Unforgettable Incident in My Life in Hindi
Thank you for reading. Don’t forget to give us your feedback.
अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।