Essay on Books in Hindi पुस्तकों पर निबंध हिंदी में
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Essay on Books in Hindi
World Without Books in Hindi. पुस्तकों के बिना विश्व कैसा होता। पुस्तकों के बिना विश्व कैसा होता ?
आधुनिक युग में पुस्तकों ने इतना महत्त्वपूर्ण स्थान बना लिया है कि इनके अभाव में संसार की कल्पना करना ही कठिन है। यद्यपि ऐसी स्थिति की संभावना नहीं की जा सकती। फिर भी संसार में पुस्तकों के गायब हो जाने की स्थिति के परिणामों की हम कल्पना कर सकते हैं।
सब से पहले इतिहास की सुरक्षा असंभव हो जाती। ऐतिहासिक तथ्यों तथा महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए केवल याददाशत पर ही निर्भर रहना पड़ता। अखबारों, मैगजीन पढ़ने की प्रत्येक सुविधा का अभाव हो जाता जबकि आज समाचार पत्र से हमारी दिनचर्या का शुभ-आरम्भ होता है।
पुस्तकों की अनुपस्थिति का विद्यार्थियों के अध्ययन पर तो प्रभाव पड़ेगा ही, इसके साथ अध्यापकों पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि प्रत्येक विषय का हर समय याद होना नामुमकिन है। ऐसी स्थिति में जो विषय याद है, उसको ही पढ़ा पायेंगे और विद्यार्थियों को भी केवल सुनकर ही याद रखना पड़ेगा। पुस्तकों को पड़ने से हमारा बौद्धिक विकास होता है और पुस्तकों को पढ़कर हम अच्छा समय बिता सकते हैं। पुस्तकें एक सच्चे मित्र के रूप में व्यवहार करती हैं। पुस्तकों को पढ़ने के माध्यम से हमें मानसिक सुख प्राप्त होता है। पुस्तकों के बिना हमारा मानसिक विकास रुक जाएगा।
पुस्तकों के अभाव में हमारे वनों की सुरक्षा असम्भव है। हम लकड़ी का भी बचाव कर सकेंगे। क्योंकि पुस्तकों के लिए कागज हम वृक्षों से प्राप्त करते हैं। बेरोजगारी अपनी चरम सीमा को स्पर्श कर जाएगी, क्योंकि लाखों लोग जो कागज बनाने वाले कारखानों में कार्यरत हैं, छपाई मशीनों में काम कर रहे हैं और साथ ही वह लोग जो प्रतिदिन नये अनुभव लिख कर छापने को देते हैं, वे सब बेरोजगार हो जाएंगे।
अत: पुस्तकों के अभाव में हमारा जीवन अधूरा और नीरस हो जाएगा।
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