Essay on Importance of Trees in Hindi वृक्ष का महत्व पर निबंध – पेड़ पर निबंध – Essay on Tree in Hindi
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Essay on Importance of Trees in Hindi
10 Lines on Importance of Trees in Hindi Language
अगर इस पृथ्वी पर वृक्ष न हों तो यह बेजान सी लगेगी। वृक्षों के बिना हमारे लिए निम्नलिखित कठिनाइयां आ सकती है।
1. धरती वृक्षों के बिना मरुस्थल जैसी लगेगी और प्रकृतिक दृश्य भी अच्छे नहीं लगेंगे।
2. वृक्षों के बिना वर्षा होने के अवसर भी कम हो जाएंगे, क्योंकि वृक्ष एक दम वाष्प कणों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और वर्षा के रूप में परिवर्तित करते हैं।
3. हम लकड़ी के बनने वाले फर्नीचर से वंचित हो जाएंगे। तरह-तरह के सोफे, कुर्सियां, मेज, चारपाईयां और घरों में इस्तेमाल करने की लकड़ी के साथ-साथ भवन-निर्माण के लिए प्रयोग आने वाली लकड़ी की कमी हो जाएगी।
4. फर्नीचर के साथ हम ईंधन के लिए भी लकड़ी प्राप्त नहीं कर सकेंगे, जिससे हम अपनी सर्दी और खाना बनाने की समस्या को दूर नहीं कर सकेंगे। ईंधन के बिना मानवीय जीवन ही बेकार है।
5. हमें वृक्षों से स्वादिष्ट फल मिलते हैं। हम उनसे वंचित हो जाएंगे। इसके साथ-साथ देसी दवाईयां, जड़ी-बूटियां आदि से भी हम वंचित हो जाएंगे।
6. वृक्ष तापमान को बदलने में बहुत सहायक सिद्ध होते हैं। जहां पर वृक्ष ज्यादा होते हैं, वहां हमेशा मौसम ठण्डा होता है।
7. वृक्षों के न होने से विभिन्न लकड़ी के उद्योगों, कारखानों और फैक्ट्रियों में काम कर रहे अनेक कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे जिससे बेरोजगारी की समस्या और जटिल हो जाएगी।
8. वृक्ष नहीं होंगे तो जंगल नहीं होंगे और अगर जंगल न हों तो इनमें रहने वाले अनेक तरह के जानवरों का रहना कठिन हो जाएगा क्योंकि जंगल इनको सुरक्षा देते हैं और इनके रहने का सहारा बनते हैं। अगर जंगल ना होंगे तो विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं जैसे बाढ़, तूफान और भूमि कटाव आदि का खतरा बना रहेगा। वृक्ष अपनी जड़ों की पकड़ के कारण भूमि कटाव और बाढ़ से बचाव करते हैं।
9. वृक्षों से हमारे खेतों के लिए देसी खाद मिलती है जिससे पैदावार में बढ़ोत्तरी होती है।
अत: वृक्षों के बगैर मानव का जीवन अधूरा और नीरस हो जाएगा।
Essay on Importance of Trees in Hindi Language 200 Words
पेड़ हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। पेड़ प्रकृति का अनमोल तोहफा है। धरती पर पेडो के बिना जीवन असंभव है। पेड़ो से मनुष्यों की कई जरूरते पूरी होती है। यदि पेड़ो का काटना बन्द नही किया गया तो भविष्य में हमें बहुत बड़ी समस्यायें हो सकती है। पेड़ मुनष्यों का सबसे बडा मित्र है। हमें खाने पीने की चीजें, जलाने के लिये लकडीयॉ, पहनने के लिये कपडे यह सारी चीजें हमें पेडों से ही मिलती है। यहा तक की जानवरों का भोजन भी पेड़ों से ही मिलता है। पेड़ों में कई जंगली जानवर अपना घर बनाते है। पेड़ कार्बन डाईआक्साइड को ऑकसीजन में बदलता है, जो हमे सब के लिए सबसे बडा जीवन है।
हम लोगों को पेड़ो को बचाने के लिये कई कदम उठाने होंगे जैसे की जहाँ पर हमें खाली जमीन मिलती है वहाँ पर हम एक पेड़ उगायें, लेकिन हम लोग उतनी कोशिश नहीं कर पा रहे है, जितनी हमें करनी चाहिये। पेड़ो के कम होने से प्रकृति का संतुलन बिगड जायेगा और इस तरह से जीवन का आस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। हमें अपने घरों में गमले लगाने चाहिये और आस पास भी पेड़ लगाने चाहिये। अगर इस तरह हम सब लोग पेड़ों की संख्याये बढायेंगें तो निश्चय ही हमारा जीवन धरती पर खुशियों से भरा होगा।
Essay on Importance of Trees in Hindi Language 400 Words
अक्सर एक कहानी कही जाती है। अलग-अलग पत्र-पत्रिकाओं में भी पढ़ने को मिलती है – यह कहानी। एक वृद्ध व्यक्ति अपने घर के आंगन, बगीचे या सड़क पर एक पौधा रोप रहा था। इसके पास एक बच्चे ने आकर पूछा-बाबा, आप यह क्या कर रहे हैं? वृद्ध ने उत्तर दिया – आम का पौधा लगा रहा हूँ। यह बड़ा होकर फल तो देगा ही, छाया और लकड़ी भी देगा। इस पर पक्षी भी निवास करेंगे। सुनकर ‘अच्छा’ कह कर बच्चा सोचने लगा, फिर बोला-बाबा, क्या यह सब देखने, इसके आम खाने के लिए आप तब तक ज़िन्दा रहेंगे? बच्चे का प्रश्न सुनकर मुस्कराते हुए वृद्ध ने उत्तर दिया, मैं तब तक जिन्दा न रहूँ पर तब तक तुम और तुम्हारी आयु के और बच्चे तो इसके फल खाने योग्य हो चुके होंगे। इसकी छाया में बैठने वाले भी बहुत होंगे। इसकी डालियों पर घोंसला बना कर पता नहीं कितने पक्षी आएंगे ? बाद में इसकी लकडियाँ भी कई लोगों के काम आएंगी। जो काम हम आज करते हैं, उसका फल तो बाद में ही मिला करता है न। वह फल किसी एक के नहीं, कइयों के काम आया करता है, बच्चे।
बात बच्चे की समझ में आ गई। उसने प्रसन्नता से चहकते हुए कहा – तब तो मैं कई पौधे लगाऊँगा, बाबा ! वृद्ध बोले-शाबाश बेटे ! पर पौधा लगा देने से ही काम पूरा नहीं हो जाता। उसे नियमपूर्वक सींचना भी पड़ता है। पशुओं से उसे बचाना भी पड़ता है। उसमें खाद या कीडेमार दवाई भी डालनी पड़ती है। समझ आ गई न बेटा ! बच्चा बोला-सब समझ गया, बाबा ! मैं इन सब बातों का ध्यान रखकर चलूंगा।
कहानी तो समाप्त हो गई। इससे पौधे या वृक्ष लगाने के उद्देश्य के बारे में भी बहुत कुछ पता चल गया। वृक्ष पक्षियों को आश्रम और लकड़ी तो सभी वृक्ष समान रूप से दिया करते हैं। पर फल-फूल तो सभी नहीं देते ना! हाँ, एक दूसरी तरह का फल छोटा-बड़ा प्रत्येक पौधा दिया करता है। वह है पर्यावरण की रक्षा। स्वच्छ- ठंडी हवा देना, बादलों के बनने-बरसने का कारण बनना, धरती की कटाव के रोकना, दूषित हवा या वायु-मण्डल को सोखना। मनुष्यों की और अन्य सभी जीवों की भी प्राण-रक्षा के लिए ऑक्सीजन यानी ताजी और शुद्ध प्राण-वायु जुटाना-इतना सब एक साथ करना क्या कम महत्त्वरूर्ण बात है। इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि हम आम या अन्य फल खाने, छाया और लकड़ी प्राप्त करने के लिए हम वक्ष नहीं उगाते हैं, बल्कि शुद्ध प्राण-वायु प्राप्त करने, अपनी धरती और मनुष्यता को प्रदूषण के घातक परिणामों से बचाने के लिए भी वृक्ष उगाना बहुत ही आवश्यक है।
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