Freedom is our Birthright in Hindi Essay स्वाधीनता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है
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Freedom is our Birthright in Hindi
स्वाधीनता का अर्थ है – स्वतन्त्रता। जीवों में मानव जीवन को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। मानव जीवन न जाने कितनी योनियों में भटकने के पश्चात संचित पुण्यों के परिणाम स्वरूप प्राप्त होता है। मनुष्य विचारशील और विवेकशील है इसलिए वह कार्य करने में स्वतन्त्र है। पराधीन व्यक्ति अपने विवेक के अनुसार कार्य नहीं कर सकता और न ही वह अपनी इच्छा के अनुसार जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर सकता है। पराधीन होने का अर्थ है – पशु-स्तर पर जीने के लिए बाध्य होना। जिस तरह पशु पलता है वैसे ही गुलाम मनुष्य पलता है। मनुष्य बने रहने के लिए स्वतन्त्रता होना अति आवश्यक है।
प्रसिद्ध स्वतन्त्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने जब यह नारा दिया था कि, स्वतन्त्रता मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, मैं उसे लेकर रहूंगा, तो इसके पीछे उनका भाव यही था कि मनुष्य के रूप में जीने के लिए स्वाधीन रहना आवश्यक है। प्रकृति में देखें तो स्वाधीन जीव-जन्तु ही सुखी हैं। मनुष्य यदि आत्म स्वरूप है, ईश्वर का अंश है तो ईश्वर के अतिरिक्त किसी की पराधीनता में जीना आत्मा का अपमान है। अत: परमात्मा का अपमान है। आत्मा परमात्मा को पाना चाहती है। यह अपने स्वरूप को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। स्वरूप की प्राप्ति स्वाधीनता के बिना सम्भव नहीं है। इसलिए कहा गया है कि स्वाधीनता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है।
Essay on Liberalization in Hindi
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