Historical Place Patiala Essay in Hindi
|Hello, guys today we are going to discuss Historical Place Patiala essay in Hindi. We have written an essay on Historical Place Patiala in Hindi. Now you can take an example to write Historical Place Patiala essay in Hindi in a better way. Historical Place Patiala essay in Hindi is asked in most exams nowadays starting from 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. ऐतिहासिक स्थान पटिआला की यात्रा।
Historical Place Patiala Essay in Hindi
मेरा बड़ा सौभाग्य था कि मुझे अपने मित्रों के साथ ऐतिहासिक स्थान पटियाला की यात्रा करने का सुअवसर मिला। यात्रा मनुष्य के जीवन का अटूट अंग है। इसका विद्यार्थी जीवन में तो बहुत ही महत्व है। यात्रा विद्यक उन्नति तथा ज्ञान का सबसे महत्वपूर्ण साधन है।
ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा विद्यार्थियों के लिए बड़ी लाभप्रद है। ऐतिहासिक स्थलों पर पहुँच कर हम स्वयं मानो इतिहास का अंग बन जाते हैं। भारत प्राचीन देश है, इसकी संस्कृति पुरानी है, इतिहास भी पुराना है। यहाँ का प्रत्येक नगर, ग्राम कोई न कोई ऐतिहासिक कथा संजोए हुए हैं। बागों और दरवाजों का शहर पटियाला पंजाब राज्य का एक खूबसूरत शहर है। पटियाला भी अमृतसर की तरह एक बहुत बड़ा शिक्षा का केन्द्र है। मैं अपने मित्रों के साथ सड़क मार्ग द्वारा अठावन (58) किलोमीटर की दूरी तय करके पटियाला पहुँचे। यहाँ की पंजाबी विश्वविद्यालय की ऊँची-ऊँची इमारतों को देखकर हैरान रह गये। यह विश्वविद्यालय पटियाला से चंडीगढ़ जाने वाली सड़क पर स्थित है। यहाँ पर बहुत से कॉलेज और स्कूल लोगों में शिक्षा रूपी ज्ञान की रोशनी फैला रहे हैं। पटियाला का महेन्द्र कॉलेज तो 1875 ई. में स्थापित हुआ जो कि करीब 141 वर्ष पुराना है।
थापर कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है, राजेन्द्रा विश्वविद्यालय मैडीकल कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई होती है जिनमें पंजाब से ही नहीं दूसरे राज्यों से भी विद्यार्थी आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। ये सभी शिक्षण संस्थाएँ देखकर हम भी सपने बुनने लगे कि शायद हम भी कभी इनमें से किसी कॉलेज में पढ़ेंगे।
फिर हम रिक्शा लेकर राजीव गाँधी लॉ विश्वविद्यालय देखने गये। जहाँ पर विद्यार्थी कानून की पढ़ाई करते हैं। फिर वहाँ का यादविन्द्रा पब्लिक स्कूल, यादविन्द्रा ओलम्पिक स्टेडियम और नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ स्पोर्टर्स (N.I.S.) पटियाला में दुनियाभर में अपना नाम रखता है, का दौरा किया।
पटियाला में सर्वधर्म स्थान है। यहाँ काली माता के मन्दिर इसके पीछे राजराजेश्वरी के मन्दिर के दर्शन करके इसके बाद हमें पैदल ही दु:ख निवारण साहिब गुरुद्वारे पहुँच गये। यह वह स्थान है जहाँ पर शहादत के लिए दिल्ली जाते हुए श्री गुरु तेग़ बहादुर जी रुके थे। इसके पवित्र सरोवर में स्नान करके ऐसा महसूस हुआ कि मानो हमारे सब दु:ख दूर हो गये हों। फिर हमने लंगर छका और पैदल बाराँदरी गार्डन की ओर चल पड़े। जहाँ पर झूले लगे हुये हैं और सैर के लिए पार्क है। इसमें रंग-बिरंगे फूल और बड़े-बड़े पेड़ इसकी शोभा को बढ़ा रहे थे। छोटी बाराँदरी में बैंक इत्यादि की इमारतें। हैं। इनको निहारते हुये जब हम सड़क पर पहुँचे तो पाया कि हमारे बिल्कुल सामने ही शेरां वाला भव्य गेट था। गेट के अन्दर जाकर दाएँ हाथ मुड़ते ही भाषा विभाग, पंजाब’ का द्वार था जिसकी बहुत बड़ी एवं नवीन ढंग से बनी हुई इमारत है, यहाँ से पंजाब एवं अन्य राज्यों के पंजाबी, हिन्दी और उर्दू लेखकों को लेखन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। ठीक इसके सामने साहित्य-सदन है जिसमें लेखकों के ठहरने की व्यवस्था है।
यह सब देखने के बाद हम किला चौंक पहुँचे वहाँ से पटियाला की प्रसिद्ध फुलकारी और पराँदियाँ ख़रीदकर मस्ती करते, खाते-पीते हम पटियाला का मशहूर किला मुबारक देखने पहुँचे। जहाँ पर अजायब घर में राजाओं के हथियार रखे हुए हैं। फिर शीश महल देखने को मैं बहुत उत्सुक था। हम सब मित्र वहाँ पहुँचे और उसे देखकर दंग रह गए, जहाँ पर अजायब घर में काँगड़ा के कलाकारों द्वारा बनाई हुई श्री कृष्ण की लीलाओं को दर्शाती हुई कलात्मक चित्रकलाएँ थीं। वहाँ के राजाओं के तमगे (Medals) भी सरंक्षित रखे हुए थे। इस शीश महल को महाराजा नरेन्द्र सिंह ने 1847 ई. को बनवाया था। रंगीन शीशे की कारीगिरी से सजे शीश महल की शोभा देखते ही बनती थी।
कुछ देर की ऑटो यात्रा करके हम मोती बाग़ में पहुँचे जहाँ पर एक सुन्दर महल है जिसने कि हम सभी सैलानियों का दिल मोह लिया। यहाँ से टहलते हुये हम पटियाला के रोज़ गार्डन में पहुँच गए। भला रोज गार्डन किसे अच्छा नहीं लगता? यहाँ पर हमेशा सैलानियों की भीड़ लगी रहती है। इसके बाहर निकलते ही जूस की रेहड़ियों से जूस पीकर मस्ती करते हुये हम वापिस बस स्टैंड की ओर आ गये। इस तरह इस ऐतिहासिक स्थान की यात्रा ने हमारे मन पर अमिट छाप छोड़ी। जो कि हमें हमेशा भाव-विभोर और इतिहास के प्रति जागरूक करती रहेगी।
More Essay in Hindi
Information on Brahmaputra River in Hindi
Information on Yamuna River in Hindi
Charminar information in Hindi
Thank you for reading. Don’t forget to give us your feedback.
अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।