How To Live A Happy Life in Hindi खुशी से जीवन जीने के तरीके
|Why are you sad? It’s time to live a happy life. Learn how to live a happy life in
How To Live A Happy Life in Hindi
दोस्तों आप यह तो मानेंगे कि आज हमारा जीवन बहुत ही अस्त-व्यस्त हो चुका है, अफरा-तफरी मची हुई है, हर कोई एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश में है और इसमें पीछे रह गया है तो जीवन। लेकिन अगर हम कुछ गाइडलाइंस (Guidelines) को या कुछ मूल तत्वों को मूल व्यवहार से अपने जीवन में शामिल करें, अपने जीवन की दिनचर्या में शामिल करें, तो हमारा जीवन फिर से बेहतर हो सकेगा और हम फिर से एक बेहतर खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं। आइए हम बताते हैं आपको वह मूल तत्त्व क्या है।
- दिन में कम से कम दो बार परमात्मा का नाम निर्मल मन से याद करें, उन्हें नमन करें।
- रोजाना नियमित रूप से आठ से 10 गिलास पानी अवश्य पिए।
- दोस्तों दिन में कम से कम 2 बार दिल खोलकर हंसना चाहिए, वैज्ञानिकों का मानना है कि दिल खुलकर हसने से मानसिक तनाव बिल्कुल समाप्त हो जाता है। शरीर के आंतरिक अंगों का व्यायाम होता है और उसे रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है।
- सूर्योदय से पूर्व प्रत्यकाल बगीचे में चाहिए ओर व्यायाम कीजिये या तेज कदमों से चलिए तो आप को सुकून मिलेगा, आपके शरीर में स्फूर्ति आएगी।
- जितनी भूक लगी हो उससे कम खाएं, तो शरीर स्वस्थ बना रहेगा।
- मित्रों अगर आपके मन में कभी क्रोध,भय या चिंता के मनोवेद आए तो उन्हें नियंत्रित कीजिये और उनको नियंत्रित करने के उपाय है। आप क्रोध,भय, चिंता से संबंधित विचारों को एक कागज पर विस्तार से लिख डालें। अपने आप को एक कमरे में बंद करके अपने विचारों को व्यक्त कीजिए, बोल डाले ओर तकिए को मार मार कर अपना गुस्सा अपना क्रोध व्यक्त कीजिए। उसे बाहर निकालिए, आप रोइए, गीत गाइए या फिर हासिए। अपनी इच्छाओं को व्यस्त कीजिए और अपने किसी विश्वसनीय दोस्त को अपने मन में दवे भावो को खोलकर बताइए, आप को बहुत सुकून मिलेगा।
- मित्रों भोजन करने के तुरंत बाद मूत्र विसर्जन करना अच्छे और स्वस्थ शरीर की पहचान है। भोजन करने के तुरंत बाद पानी पीना हानिकारक है, लेकिन भोजन के बीच में पानी पीना अमृत के समान और भोजन को पचने में सहायक होता है।
- व्यायाम या कसरत करने के बाद या धुप से आने के बाद तुरंत पानी ना पिए। प्रातकाल उठने के बाद नियमित रूप से कुर्ला करके कुछ ताजा पानी अवश्य पीएं।
- भोजन आदर के साथ और खुश होकर करना चाहिए। ऐसा भोजन आयु ओर बुद्धि में सहायक होता है।
यह जो मूल तत्व के बारे में हमने आपको बताया अगर इन तत्वों को व्यवहार के दिनचरिया में शामिल कर ले, तो आप खुद भी खुश रह पाएंगे और दूसरों को भी खुश रख पाएंगे।
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