Essay on Importance of Time in Hindi समय का महत्व पर निबंध
|We have written an essay on Importance of Time in Hindi. समय का महत्व। Students today we are going to discuss very important topic i.e essay on importance of time in Hindi. Importance of time essay in Hindi is asked in many exams. The long essay on importance of time in Hindi is defined in more than 300 words. Learn an essay on importance of time in Hindi, Samay ka Mahatva essay in Hindi for class 8 and bring better results.
Essay on Importance of Time in Hindi 200 Words
समय का महत्व
(समय बहुमूल्य है) विचार-बिंदु – • बीता समय लौटकर नहीं आता • सफलता के लिए ठीक समय का चुनाव अपेक्षित • एक–एक क्षण का उपयोग सफलता की कुंजी • समय का सदुपयोग करने वाले कुछ सफल लोग • उपसंहार (काल्ह करै सो आज कर सूक्ति से) अथवा अन्य किसी उपयुक्त ढंग से।
समय बहता प्रवाह है। जैसे बहता जल लौटकर नहीं आता, वैसे ही बीता समय कभी लौटकर नहीं आता। अतः समय बहुत मूल्यवान है। उसका सदुपयोग यही है कि प्रत्येक कार्य निश्चित समय पर कर दिया जाए। उचित घड़ी बीत जाने पर किया गया कार्य निष्फल होता है। उचित समय की अग्रिम प्रतीक्षा करनी पड़ती है। उसकी अगवानी करके उसका आशीर्वाद लिया जा सकता है। उसे अपनी उपेक्षा सहन नहीं है। यदि सारी रेलगाड़ियाँ समय पर छूटें और समय से पहुँचें; सारे उत्सव–त्योहार ठीक समय पर प्रारंभ होकर ठीक समय पर समाप्त हों और सभी कार्य निश्चित समय पर हों, तो सभी मनुष्यों का समय बच सकता है। ऐसा होने पर मनुष्य एक दिन में पहले से दुगुने काम कर सकता है। गाँधी जी समय के पाबंद थे। वे कभी सभाओं में देर से नहीं पहुँचते थे। ईश्वरचंद्र विद्यासागर के अनेक ऐसे किस्से प्रसिद्ध हैं, जबकि उन्होंने समय से पहुँचकर शेष लोगों को समय का सम्मान करना सिखाया। रहीम ने कहा है –
काल्ह करे सो आज कर, आज करे सो अब।
पल में परलै होएगी, बहुरि करेगा कब॥
Essay on Importance of Time in Hindi 250 Words
समय निरन्तर चलता रहता है। संसार के काम भले ही रूक जाए लेकिन समय की गति सदा एक जैसी रहती है। संसार की कोई भी शक्ति इसे रोकने में असमर्थ है। जो समय के अनुसार चलता है, वही जीवन में सफल होता है। जैसे आंधी आती है तो बडे बडे पेड़ अकड़ कर खड़े होते है, इसलिए वह उखड़ जाते है। परन्तु घास अपने आप को समयानुसार बदल लेती है। वह आंधी के झोको के साथ झुक जाती है। इसलिए वह उखड़ नही पाती। इसी प्रकार जो समय देखकर चलता है, वह अपना आस्तिव बनाए रखता है। एक बार जो समय चला जाये वह फिर नहीं लौटता। नदियों का जल, मनुष्यों की जवानी तथा समय एक बार बीतने पर नही लौटते।
समय के साम्राज्य में राजा, रंक, सब बराबर है। समय न तो राजा के लिए रोकता है और न ही रंक के लिए, उसके सामने बड़ा छोटा कोई नही होता। प्रायः आलसी व्यक्ति कहा करते है, कि समय नहीं मिलता। वास्तव में वे समय का सदुपयोग नहीं करना चाहते। समय का अभाव तो एक
बहाना होता है। बहुत से लोग सिनेमाघरों में, पार्को में कितना समय बरबाद कर देते है, फिर भी हम यही कहते है कि समय नहीं मिलता। समय एक ऐसी चीज तो है नहीं कि पुड़िया में बांध कर रख दिया जाए, और जरूरत पड़ने पर निकाल लिया जाए। समय तो पारसमणि है। जिसे छूकर न जाने कितने लोग महान पुरूष बन गये तथा जिसे खोकर न जाने कितने लोग समुद्र में निमग्न हो गए। हमें समय का सदुपयोग करने का प्रयत्न करना चाहिए।
Essay on Importance of Time in Hindi 300 Words
हम सभी जानते हैं की समय बहूत कीमती है और हर किसी के लिए समय अमूल्य है, इसलिए हमें कभी समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। समय सफलता की कुंजी है। समय इस दुनिया में सबसे मूल्यवान चीज है। यह खो जाने के बाद, यह हमेशा के लिए खो जाता है और कभी भी वापस नहीं आता। हमारी जीवन की सफलता या विफलता समय पर किये गए कार्य पर निर्भर करता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपने समय का सही उपयोग करना चाहिए। जो व्यक्ति समय को बर्बाद करता है, वह खुद अपने जीवन को अपने हाथों बर्बाद कर देता है। जो लोग समय का अच्छी तरह से सदुपयोग करते है वह लोग आगे की जीवन में काफी सफल होते है।
समय बहुत कीमती है। कई छात्र बड़े- बड़े प्रतियोगिता में काफी अच्छी सफलता पाते हैं। एक छात्र जो अपने समय का अच्छा इस्तेमाल करता है, उसे परीक्षा उत्तीर्ण होने में कोई दिक्कत नहीं होती है। इसलिए हम सभी लोगो को समय की महत्व समझते हुए इसके एक एक पल का अच्छी तरह उपयोग करना चाहिए। हम जितना ज्यादा समय का अच्छी तरह उपयोग करेंगे, हमें उतना ही अच्छा फल मिलेगा। वह लोग जो समय का सही सदुपयोग नहीं करते वह पिछङ जाते हैं। समय है तो जीवन है, अगर समय नहीं है तो जीवन भी नहीं है। समय को दुबारा उपयोग नहीं किया जा सकता है, और न तो खोए गए समय को वापस पाया जा सकता है। इसलिए कहा गया है : “पुरुष बली नहि होत है,समय होत बलवान” अर्थात, व्यक्ति बलवान नहीं होता है, समय बलवान होता है। अतः हम सभी को समय का सम्मान करना चाहिए।
विद्वानों का कहना है कि हर कार्य को हमें समय पर कर लेना चाहिए। हिन्दी साहित्य के महान संत कबीर दास जी का कहना है :”कल करै सो आज कर, आज करे सो अब। पल में परलय होयगा, बहुरि करेगा कब||” | अर्थात् – कल के सारे काम आज कर लो, और आज के अभी करो, क्योंकि समय का कोई भरोसा नहीं, पता नहीं कब प्रलय हो जाये। इसलिये शुभ काम को कल पर मत छोड़ो, उस काम को उसी समय कर डालो।
Essay on Importance of Time in Hindi 350 Words
जीवन नदी के समान है। जैसे नदी की धारा ऊँची नीची भूमि को पार करती निरंतर आगे बढ़ती रहती है, उसी प्रकार जीवनधारा भी सुख-दुख, सफलता असफलता, हानि-लाभ के अनेक संघर्षों को सहते हुए आगे बढती रहती है। समय निरंतर गतिशील है। समय चक्र के समान घूमता रहता है। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। भूत, वर्तमान और भविष्य में परिवर्तित होता समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।
समय का सदुपयोग यही है कि प्रत्येक कार्य निश्चित समय पर किया जाए। जीवन को सुखी बनाने के लिए प्रत्येक काम को ठीक समय पर ही करना चाहिए। ठीक समय पर काम करने से काम तो पूरा हो ही जाता है, सुख और आनंद भी प्राप्त होता है।
सूरज रोज सवेरे समय पर ही निकलता है और संध्या होने पर समय से ही डूब जाता है। वह निकलने और डूबने में कभी गलती नहीं करता। हमें समय-पालन की शिक्षा सूरज से लेनी चाहिए। विद्यार्थी जीवन में समय का अत्यधिक महत्त्व है। समय का सदुपयोग करने वाला विद्यार्थी भावी जीवन में सफल होता है। तथा उन्नति के पथ पर निरंतर अग्रसर रहता है। इसके विपरीत व्यर्थ की बातों में समय आँवाने वाली छात्र असफलता का मुँह देखता है समय का पालन केवल कर्मठ तथा उद्यमी व्यक्ति ही कर सकता है। यदि समय का पालन नहीं किया गया तो जीवन की दौड़ में पीछे रह जाएँगे। जो समय पर काम करता है, उसे कोई तनाव नहीं होता। समयपालन से मनुष्य धनवान, बुद्धिमान तथा शक्तिमान बन सकता है। समय बहूमूल्य है। यदि समय बीत गया तो लौटाया नहीं जा सकता, न ही उसे खरीदा जा सकता है। समय निरंतर गतिशील है – जो बीत गया सो बीत गया। समय पर किए गए कार्य का आनंद दुगना होता है।
फूल समय पर खिलते हैं। फल समय पर लगते हैं। पानी समय पर बरसता है। मौसम समय पर आते-जाते हैं। जब तक समय पर काम होता रहता है, मानव को सुख मिलता है। जब काम समय पर नहीं होते मानव दुखी और परेशान रहता है। जिस प्रकार सोने का प्रत्येक धागा बहुमूल्य है उसी प्रकार समय का प्रत्येक क्षण अमूल्य है।
Essay on Importance of Time in Hindi 450 Words
वक्त – अर्थात् समय। गया-अर्थात बीता या समाप्त हो गया। यदि धन समाप्त या नष्ट हो जाए, उसे दुबारा पाया जा सकता है। किसी कारण वश यदि मान-सम्मान भी जाता रहे (हालाँकि जाने देना बहुत ठीक नहीं), तो प्रयत्न करके, अच्छे कार्य करके उसे दुबारा पाया या बनाया जा सकता है। ऊँचे से ऊँचा भवन यदि ढह जाए तो नि: संदेह दुबारा खड़ा किया जा सकता है। यदि चली गई कोई वस्तु किसी भी मूल्य पर और किसी भी उपाय से वापिस या दुबारा नहीं पाई जा सकती तो उसका नाम है – गया वक्त अर्थात् बीता हुआ समय, जो पल-छिन, एक-एक सैकिण्ड-मिनट और साँस के बहाने से लगातार जा अर्थात् बीत रहा है। मज़ा यह है कि इसे इस प्रकार जाने या बीतने से छोटा-बड़ा कोई व्यक्ति चाह कर या अपना सर्वस्व लुटाकर भी रोक नहीं सकता। सचमुच, कितना असमर्थ है प्राणी, इस निरन्तर बीते जा रहे वक्त के सामने।
वक्त – अर्थात् समय को इसी कारण अमूल्य धन कहा गया है कि वह एक बार जाकर वापिस नहीं आता। इसी कारण इस धन को व्यर्थ न गंवाने, इस की कौडी-कौड़ी को अर्थात् हर पल-छिन को संभाल कर रखने की बात कही जाती है। समय का सदुपयोग करने का उपदेश दिया जाता है। जो इस बात का ध्यान नहीं रख पाते अर्थात् समय-रूपी धन का सदुपयोग नहीं कर पाते। सिवाए हाथ मलकर पछताने के उनके पास कुछ नहीं रह जाता। समय का हर प्रकार से सदुपयोग करके ही मनुष्य उस स्थिति से बच सकता है। अक्सर फेल हो जाने वाले विद्यार्थियों को कहते सुना जाता है कि काश ! सर ने जिस दिन यह प्रश्न समझाया था, उस दिन मैंने स्कूल से छुट्टी न की होती तो मेरी फर्स्ट क्लास आ सकती थी या मैं पास तो अवश्य हो गया होता। लेकिन बाद में ऐसा सोचने से कुछ नहीं होता।
समय जाकर लौटने वाला नही, यह जान कर ही समझदार मनुष्यों ने आज का काम कल पर न छोड़ने की प्रेरणा दी है। यह भी बताया गया है कि समय बड़ा निष्ठुर होता है। समय कभी किसी का सगा नहीं बन सकता। उस का रुख और महत्त्व न जानने वालों को ठोकर मार कर वह आगे बढ़ जाता है।
समय का महत्त्व पहचान कर ही अंग्रेजी में कहा गया है – Time is Gold अर्थात् समय ही स्वर्ण-धन है। उस स्वर्ण-धन को काल-रूपी तस्कर चुराकर हमें बेकार ना कर दे, गरीब और लाचार न बना दे, इसका ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है। हमारा परिश्रम इस स्वर्ण-धन का सदुपयोग कर सकता है। सज्जनों, अनुभवी महापुरुषों का कहना यही है कि समय पर अपना हर काम साधने में ही इस धन को खर्च करना उचित है।
Essay on Importance of Time in Hindi 1000 Words
समय को नष्ट करना एक बहुत बड़ा पाप है। मनुष्य जन्म बहुत दुर्लभ है।। मनुष्य प्रकृति और ईश्वर की श्रेष्ठतम रचना है। उसके पास इतनी विकसित बुद्धि, दो हाथ, भाषा, वाणी और सहयोग भावना होती है। अतः उससे आशा की जाती है कि वह इन वरदानों का उचित प्रयोग करेगा तथा अपना जीवन नष्ट नहीं करेगा। समय बड़ा बलवान् है। समय की गति और महत्व को पहचानकर मनुष्य महान् बन सकता है, और प्रगति के उच्चतम शिखर पर पहुँच सकता है। समय कभी किसी के लिए नहीं ठहरता और न ही किसी की प्रतीक्षा करता है। सभी कुछ जीवन में परिवर्तनशील है परन्तु समय शाश्वत है। समय ही काल और मृत्यु भी है। समय के साथ चलकर ही मनुष्य प्रगति और विकास कर सकता है।
आधुनिक युग में तो समय का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। आज जीवन इतना गतिशील, जटिल और मशीनी हो गया है कि यदि समय के साथ-साथ कदम नहीं बढ़ाये जायें तो विनाश निश्चित है। आज सभी की कलाइयों पर घड़ियाँ बंधी दिखाई देती हैं। सभी व्यक्ति समय के प्रति बहुत जागरूक दिखाई देते हैं। यह सब समय की आवश्यकता के अनुसार ही है। प्रतिस्पर्धा के इस युग में समय के प्रवाह के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलना बहुत आवश्यक हो गया है। समय का सदुपयोग करते हुए सही समय पर सही काम करना आज हमारे जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है।
उदाहरण के लिए हम विद्यार्थी जीवन को ही ले लें। यह मानव जीवन का महत्त्वपूर्ण काल होता है। यह समय मनुष्य के चरित्र निर्माण का समय होता है। यह समय विद्या प्राप्त करके योग्य व्यक्ति बनने का अवसर होता है। इस समय यदि विद्यार्थी समय को नष्ट कर देगा तो उसका सारा जीवन ही नष्ट होकर जायेगा। यही वह आयु है जब विद्यार्थी को अनुशासन में रहकर जीवन के महत्वपूर्ण पाठ पढ़ने होते हैं। विद्यार्थी जीवन ही वह नींव है जिस पर भविष्य के भवन का निर्माण होना है।
सभी महत्त्वपूर्ण, बड़े तथा सफल व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार अपने समय का विभाजन और उपयोग करते हैं। उनके दिनभर के कार्यक्रम पूर्व-निर्धारित और निश्चित होते हैं। वायुयान पूर्वनिश्चित योजना और समयविजन के अनुसार उड़ते हैं। रेलगाड़ियाँ समय के अनुसार चलती हैं। स्कूल और कॉलजों में समय के अनुसार पढ़ाई होती है। कार्यालयों में समय पर काम होता है तथा कल-कारखाने आदि भी समय के अनुसार चलते हैं। सूर्य समय से उगता है और छिपता है, ऋतुएं अपने समय पर आती हैं। इस तरह हर कार्य का समय होता है। हमें भी समय के महत्त्व को पहचानकर उसी प्रकार इसका सदुपयोग करना चाहिये। पढ़ने के समय पढ़ना चाहिये, खेलने के समय खेलना चाहिये और विश्राम के समय विश्राम करना चाहिये। सफलता, सुख, शांति और विकास के लिए समय का नियोजन और सदुपयोग परम आवश्यक है।
जो लोग समय को नष्ट करते हैं, वे स्वयं नष्ट हो जाते हैं। इसके विपरीत जो लोग समय का सदुपयोग करते हैं, वे मर कर भी अमर रहते हैं। वे अपने महान कार्यों द्वारा हमेशा-हमेशा के लिए जीवित रहते हैं। वे इतिहास निर्माता बन जाते हैं और उनके नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखे जाते हैं। आप चाहे महात्मा गाँधी को ले लें या मदर टेरेसा को या फिर जवाहरलाल नेहरू या जयप्रकाश नारायण को। इन सभी लोगों ने एक-एक क्षण का लेखा-जोखा रखा, उसका भरपूर सदुपयोग किया और महान् बन गये। ये लोग जानते ही नहीं थे कि फुर्सत क्या होती है ?
नेहरू जी ने हमें यह नारा दिया – ‘‘आराम हराम है।” उनका सारा जीवन इस कथन का साक्षात प्रमाण है। अपने जीवन के अंतिम क्षण तक वे व्यस्त रहे। यही उदाहरण बापूजी ने प्रस्तुत किया। इसलिए समय का भरपूर सदुपयोग करो, उसके महत्व तथा मूल्य को समझो और एक क्षण भी व्यर्थ न गवाओ। यही सफलता का रहस्य है और महान् बनने की कुंजी है।
इसीलिए हमारे दार्शनिकों, संतों आदि ने अपने काम को तुरन्त और बड़े मनोयोग से करने का आदेश दिया है। आज का काम कल पर मत छोड़ो या उसे किसी बहाने से टालना निरी मूर्खता है।
कल किसने देखा है? हो या न हो। अत: दृष्टि वर्तमान पर रखो और इसका भरपुर प्रयोग करो। कर्मयोगी की यही सच्ची पहचान है। वह निरन्तर कर्म में लगा रहता है। उसे फल की भी इच्छा नहीं होती क्योंकि वह जानता है कि अच्छे कर्म के फल स्वत: ही अच्छे होते हैं। सूर्य, चन्द्रमा, पृथ्वी और सारा ब्रह्माण्ड समय में बंधे हुए हैं। ये सभी शक्तियाँ पूरी तरह मर्यादित और अनुशासित हैं और समय के अनुसार चलती हैं। समय के अनुसार ही इन सबकी गतिविधियाँ चलती हैं।
हमारा सारा जीवन समय के महत्त्व और उसके सदुपयोग या दुरुपयोग के उदाहरणों से भरा पड़ा है। हर पल हम देखते हैं कि किस प्रकार एक व्यक्ति समय का सदुपयोग करके महान् व सफल बना है तथा दूसरा व्यक्ति समय का दुरुपयोग करके स्वयं नष्ट हो गया है। एक कक्षा में अनेक विद्यार्थी पढ़ते हैं किन्तु उन में से कुछ समय का सदुपयोग कर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होते हैं, कुछ द्वितीय और तृतीय श्रेणी में, तो कुछ असफल रहते हैं। सबको एक जैसे ही शिक्षकों द्वारा एक जैसी ही शिक्षा दी जाती हैं, फिर परिणाम में यह भारी अंतर क्यों? कारण स्पष्ट है- समय के सदुपयोग करने या ना करने का। अत: यह बहुत जरूरी है कि हम समय की बचत करें और उसे बड़ी सावधानी और सतर्कता से खर्च करें।
More Essay in Hindi
Samay Ka Sadupyog Essay in Hindi
Essay on Maharshi Dayanand Saraswati in Hindi
Responsibilities of Citizens at the Time of National Crisis in Hindi
Thank you for reading. Don’t forget to give us your feedback.
अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे।