महात्मा गांधी की जीवनी – Mahatma Gandhi Biography in Hindi
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Mahatma Gandhi Biography in Hindi
आप सबने ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ फिल्म तो देखी ही होगी। देखा होगा कि कैसे झूठ और धोखे के रास्ते पर चलने वाला मुन्नाभाई, बापू से मिलते ही हमेशा सच बोलने वाला एक अच्छा आदमी बन जाता है। बच्चो! यह केवल एक फिल्म या कहानी नहीं, बल्कि सच था। जब तक बापू जिंदा रहे, उनसे जो भी मिला वह वाप के ही रंग में रंग गया। उन्होंने सभी को बराबर प्यार और अच्छी शिक्षा दी, इसलिए उन्हें राष्ट्रपिता भी कहा जाता है।
बापू का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्तबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माँ का नाम पुतलीबाई था। 13 साल की उम्र में उनकी शादी कस्तूरबा गांधी से हुई।
आगे जाकर उन्होंने पूरी दुनिया को सच का पाठ पढ़ाया। उनका दूसरा सबसे बड़ा सिद्धांत अहिंसा था। वे कहते थे कि न हमें किसी के बारे में बुरा सोचना चाहिए, न सुनना चाहिए और न कहना या करना चाहिए। बाद में अपने इन्हीं दोनों सिद्धांतों के बल पर उन्होंने अंग्रेजों को भारत से चले जाने पर मुजबूर कर दिया।
गांधीजी ने इंग्लैंड में रहकर वकालत पढ़ी थी। एक बार जब वे इसी काम के लिए दक्षिण अफ्रीका गए, तो उन्होंने देखा कि भारत की तरह वहाँ भी अंग्रेजों का राज चलता है और वे वहाँ रहने वाले भारतीयों के साथ बहुत बुरा व्यवहार करते हैं, तब उन्होंने सत्याग्रह यानी सच पर डटे रहकर, बिना किसी को नुकसान पहुँचाए वहाँ के भारतीयों को उनका अधिकार दिलवाया।
इसके बाद वे भारत लौट आए और यहाँ भी उन्होंने अपने इन्हीं सिद्धांतों के बल पर अंग्रेजों का डटकर सामना किया। उन्होंने लोगों को सूत कातना, खादी पहनना, अपना काम स्वयं करना जैसी बातें सिखाईं। उन्हें बहुत बार जेल भी जाना पड़ा। अंत में 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हो गया।
30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने बापू को गोली मार हम सबसे छीन लिया। कहते हैं, गांधीजी के आखिरी शब्द थे, ‘हे राम!’ आज हम उनके जन्मदिन को गांधी जयंती के रूप में मनाते हैं।
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