Means of Communication in Hindi Essay & Meaning संचार के साधन पर निबंध व महत्व
|Read what are the different means of communication in Hindi language. We have added an essay on means of communication in Hindi with meaning. Know more about different means in which people can communicate with others.
Means of Communication in Hindi
संचार मानव की प्रगति के लिए अति महत्त्वपूर्ण है। यह विश्व के एक देश में बैठे लोगों को दूसरे देशों से जोड़ता है। आज मानव सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर है। इसका प्रमुख श्रेय संचार के आधुनिक साधनों को जाता है। संचार के क्षेत्र में मनुष्य की उपलब्धियों ने विश्व की दूरियों को समेटकर बहुत छोटा कर दिया है।
प्राचीन काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने के लिए ‘दूत’ भेजे जाते थे जो प्राय: आवागमन के लिए घोड़ों आदि का प्रयोग करते थे। पक्षियों द्वारा संदेश भेजने के भी अनेक उदाहरण मिलते हैं। उस काल में एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेजने में महीनों लग जाते थे परन्तु आज स्थिति पूर्णत: बदल चुकी है।
तार की खोज के साथ ही संचार के क्षेत्र में क्रांति का प्रारम्भ हो गया। इसके द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ‘इलेक्ट्रॉनिक’ यंत्रों की सहायता से तार के माध्यम से संकेत प्रेषित किए जाने लगे। इसके पश्चात् ‘दूरभाष’ के आविष्कार ने तो संचार जगत में हलचल ही मचा दी। इसके द्वारा व्यक्ति घर बैठे सैंकड़ों मील दूर अपने सगे सम्बन्धियों व परिजनों से बात कर सकता है। इसके साथ ही संचार को और अधिक सुचारू एवं सक्षम बनाने हेतु अनुसंधान प्रारम्भ कर दिए गए हैं।
वर्तमान में संचार के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने अद्भुत सफलताएं अर्जित की हैं। कम्प्यूटर के आविष्कार के बाद इस क्षेत्र में प्रतिदिन नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। संचार जगत में ‘ई-मेल’ की लोकप्रियता धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। ई-मेल के उपयोग या इससे होने वाले लाभ बहुआयामी हैं। ‘ई-मेल के माध्यम से विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से हम संपर्क स्थापित कर सकते हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इसमें होने वाला व्यय बहुत कम है। दूरभाष द्वारा स्थानीय बातचीत में उपभोक्ता को जो खर्च देना पड़ता है उतने ही खर्च में ई-मेल द्वारा विदेशों में बैठे व्यक्ति को संदेश भेजे जा सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मेल द्वारा लोग द्विपक्षीय वार्ता भी कर सकते हैं। ‘ई-मेल’ के माध्यम से एक संदेश को हजारों लोगों को एक साथ भेजा जा सकता है। इस प्रकार हम देखते हैं कि ‘ई-मेल’ ने विश्व संचार के क्षेत्र को कितना विस्तृत कर दिया है। संचार के क्षेत्र में ‘वीडियो कांफ्रेंसिग’ भी वैज्ञानिकों की एक अद्भुत देन है। इसके माध्यम से दो या दो से अधिक व्यक्ति एक दूसरे से मीलों दूर रह कर भी आपस में बातचीत कर सकते हैं तथा साथ ही पर्दे पर एक दूसरे को देख भी सकते हैं।
इसके अतिरिक्त ‘फैक्स’ मशीन द्वारा कागज पर लिखे संदेशों की दूरभाष लाइनों की सहायता से दूर बैठे व्यक्ति को केवल कुछ ही सैकिंडों में भेजा जा सकता है। ई-मेल को फैक्स का ही उत्तम रूप माना जा सकता है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि मनुष्य ने संचार के क्षेत्र में असीम सफलता अर्जित की हैं। आज इन्हीं सफलताओं व उपलब्धियों के कारण विश्व के सभी देशों का आपसी सम्पर्क बढ़ा है। भारत में बैठे हुए भी दुनिया के कोने जैसे अमरीका में होने वाली घटनाओं से हम तुरन्त अवगत हो जाते हैं। संचार के क्षेत्र में मानव की उपलब्धियों के कारण ही आज सम्पूर्ण विश्व की दूरियां सिमटकर अत्यन्त छोटी हो गई हैं।
संचार के साधनों के विकास ने अन्य क्षेत्रों में वाणिज्यक प्रगति को अपेक्षाकृत सरल बना दिया है। आज व्यापार से सम्बन्धित कार्य संचार के साधनों की बदौलत घर या कार्यालय में बैठे-बैठे सम्पन्न किए जा सकते हैं।
अन्तरिक्ष अभियान में पिछले कई वर्षों से निरन्तर सफलताएं मनुष्य ने प्राप्त की हैं। ऐसा अब असम्भव नहीं लगता है कि मनुष्य दूसरे ग्रहों और उपग्रहों में भी अपना आवास बना लेगा और यह कम्प्यूटर की सहायता के बिना सम्भव नहीं था। दूर संचार के साधनों में सेटेलाइट प्रमुख रूप से उपयोगी सिद्ध हो रहा है। इससे आज हज़ारों मील दूर स्थित दूसरे देशों में होने वाले प्रोग्राम आसानी से हर देशों में प्रसारित किए जाते हैं और इनमें भी कम्प्यूटर ही महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मौसम की जानकारी के लिए सेटेलाइट्स द्वारा भेजे गए चित्र बहुत उपयोगी होते हैं क्योंकि इससे मौसम सम्बन्धी खतरों के बारे में पूर्व जानकारी मिलने से आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।
भारत ने अमेरिका से एक सुपर कम्प्यूटर के एक्स-ए-पी-14 खरीदा है जो कि दिल्ली के मौसम विभाग में रखा गया है। आधुनिक युग में कम्प्यूटर और रोबोट निश्चय ही क्रांतिकारी सिद्ध होंगे। इनसे मानव इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ रहा है। रोबोट सभी प्रकार के काम करने में समर्थ हो रहा है और कम्प्यूटर उसकी सहायता के लिए तैयार है। कम्प्यूटर और रॉबोट दोनों संवेदन शून्य है, मस्तिष्क शून्य है, वे केवल यन्त्र मात्र है। अतः आवश्यक है कि इन्हें संवेदनाओं और भावनाओं से नियन्त्रित किया जाए।
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