मेरा प्रिय खेल पर निबंध Mera Priya Khel – My Favourite Game in Hindi
|Mera Priya Khel in Hindi for all students of class 1, 2, 3, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Most students find difficulty in writing
Mera Priya Khel मेरा प्रिय खेल पर निबंध
Mera Priya Khel Essay in Hindi
विचार – बिंदु – • खेल का नाम, प्रिय होने का कारण • एकल या सामूहिक खेल • खेल से मिलने वाला सुख और आनंद • खेल में मेरी उपलब्धियाँ।
मुझे बैडमिंटन खेलना बहुत प्रिय लगता है। बचपन से ही हम दोनों भाई गली में चिड़ी-बल्ला लेकर खेला करते थे। दोनों को इसमें बहुत मज़ा आता था। जब बड़े हुए तो हम स्कूल में बैडमिंटन के कोर्ट में अभ्यास करने लगे। एक-दो सफलताएँ मिलीं तो हमारी रुचि बढ़ती चली गई। यह खेल केवल दो खिलाड़ियों के होने से ही खेला जा सकता है। यह बहुत बड़ी सुविधा है।
इस खेल में भागदौड़, व्यायाम, ऊर्जा, सावधानी, कलात्मकता तथा बुद्धि-कौशल की बहुत बड़ी भूमिका है। जब खिलाड़ी चीते की स्फूर्ति से शॉट लगाता है और एक पाँव के बल पर पूरे शरीर को तौलते हुए झुकता, खिचता और आगे-पीछे हटता-बढ़ता है तो रोमांचक आनंद मिलता है। सच्चे खिलाड़ी अर्जुन की आँख की तरह चिड़िया पर नज़र रखते हुए अद्भुत स्फूर्ति का प्रदर्शन करते हैं। मैंने अनेक बार अपने विद्यालय की ही नहीं जिलास्तरीय प्रतियोगिताएँ भी जीती हैं। इस वर्ष मैं प्रांतीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में द्वितीय रहा। मेरा लक्ष्य है कि अगली बार प्रांतीय खिताब जीतकर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लें।
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