Tete pav pasariye jeti lambi Sor Hindi Essay
|Essay on Tete pav
Tete pav pasariye jeti lambi Sor Hindi
विचार – बिंदु – • सूक्ति का अर्थ • मनुष्य की लालसाएँ अनंत • ऊँची आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयत्न आवश्यक • अपनी सीमाओं का ज्ञान भी आवश्यक • सीमाएँ तोड़ने पर हानि • कुछ उदाहरण।
प्रसिद्ध हिंदी कवि रहीम की उक्ति है – ‘तेते पाँव पसारिए जेती लांबी सौर’ अर्थात् उतने पाँव पसारें जितनी लंबी रजाई हो। यह नीति-कथन मनुष्य को सुख और संतोष देने वाला है। मनुष्य के पास अनंत इच्छाएँ हैं, असीम लालसाएँ हैं। वह चाहकर भी उन्हें पूरा नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति में रहीम ने महत्त्वाकांक्षी लोगों को सलाह दी है कि वे प्रगति अवश्य करें; अप्राप्त को भी प्राप्त करने का प्रयत्न करें। परंतु जो भी प्रयत्न करें, अपनी शक्ति और स्थिति देखकर करें।
उनके पास जितनी शक्ति हो, उसी के अनुसार कार्य करें, अन्यथा दु:ख और क्लेश के सिवा कुछ हाथ नहीं लगेगा। जैसे रजाई से बाहर पाँव पसारने से रजाई बड़ी नहीं हो सकती, हाँ पाँवों को ठंड लग सकती है और व्यक्ति बीमार पड़ सकता है। अतः भलाई इसी में है कि वह अपने पाँव सिकोड कर सोए, अर्थात् उसके पास जितना सुख-सुविधा है, उसी में गुजारा करे, उससे बढ़कर शान न दिखाए। जो लोग अपनी वास्तविकता से बढ़-चढ़कर उत्साह दिखाते हैं, वे अपनी दुर्दशा के स्वयं जिम्मेदार होते हैं।
Essay on Demonetisation in Hindi
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