Triple Talaq Essay in Hindi | तीन तलाक/ ट्रिपल तलाक पर निबंध हिंदी में
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Triple Talaq Essay in Hindi – ट्रिपल तलाक पर निबंध
Triple Talaq Essay in Hindi 350 Words
“तीन तलाक की तपिस से झुलस चुकी ये नारी है, इसको मिटाने का संकल्प अब कर चुकी हर नारी है!”
परिचय
तीन तलाक मुस्लिम समाज में फैली वह कुप्रथा है जिसके द्वारा मुस्लिम पति अपनी पत्नी से शादी तोड़ने के लिए केवल तीन बार तलाक बोल कर यह लिख कर अपनी शादी के बंधन से छूट जाता है। हद तो तब हो गई जब फेसबुक और वॉट्सएप तथा एसएमएस भेज कर तलाक दिया जाने लगा।
मुख्य भाग
मुस्लिम समाज में ज्यादातर मुस्लिम महिलाएं अपने पति पर निर्भर होती हैं। पति के तलाक दिए जाने के बाद मुस्लिम महिलाओं के सामने अचानक आर्थिक सामाजिक तथा पारिवारिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तीन तलाक के मामले में महिलाओं पर यह एक प्रकार का अन्याय है तथा उनके मानवीय हकों का उल्लंघन है। अधिकतर इस्लामिक देशों में जैसे पाकिस्तान, ईरान, इराक, सऊदी अरब में तीन तलाक की कुप्रथा को गैर कानूनी घोषित कर दिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इससे संबंधित शाहबानो के केस की सुनवाई करते वक्त तीन तलाक पर तत्काल रोक लगा दी है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक के तहत तीन तलाक़ गैर कानूनी है, इसके उल्लंघन पर मुस्लिम पुरुष को 3 साल की सजा हो सकती है। पुरुष को तलाक़शुदा महिला के रखरखाव के लिए पैसे भी देने होंगे। मुस्लिम महिलांओ के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
“है धन्य न्याय का वह मंदिर जिसने आदेश सुनाया है।
मुस्लिम माओं और बहनो के जीवन से खौफ मिटाया है।”
तीन तलाक़ कोई धार्मिक मामला नहीं है बल्कि सती प्रथा, दहेज़ प्रथा तथा बाल विवाह जैसी कुप्रथा है। इससे महिलाओं के अधिकार का हनन होता है तथा गरिमापूर्ण जीवन जीने से उन्हें रोका जाता है। महिलाओं पर इतना बड़ा अत्याचार की अनुमति धर्म संस्कृति या संविधान नहीं दे सकता
निष्कर्ष
महिलाओं को ससक्त करने तथा समानता का अधिकार देने के उद्देश्य से तीन तलाक को समाप्त किया जाना बहुत जरुरी था। पुरुष और स्त्री एक सामान बनाए गए हैं। धर्म, प्रथाए समय के अनुसार बदलनी चाहिए। हमें देश को, नई पीढ़ी को समझाना पड़ेगा, हमारे देश की आधी आबादी को हम पीछे रखके कभी भी प्रगति की ओर जा नहीं सकते।
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