Essay on Van Mahotsav in Hindi वन महोत्सव पर निबंध हिंदी में
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Van Mahotsav in Hindi
वन-महोत्सव
प्रकृति से जुड़ा वन महोत्सव प्रतिवर्ष जुलाई के महीने में मनाया जाता है। यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। हमारे पूर्वज वृक्षों के महत्त्व को जानते थे। वे हरी-भरी प्रकृति के बीच रहना पसंद करते थे। नीम, पीपल, बरगद, आम जैसे वृक्षों की पूजा करते थे। किंतु आज ऐसा नहीं है। लोग अपने स्वार्थ के लिए वक्षों को काट रहे हैं। वन के वन नष्ट किए जा रहे हैं। यदि हमें मानव-जाति को बचाना है तो वनों की रक्षा करनी होगी तथा जहाँ वन काटे गए हैं वहीं फिर से वन लगाने होंगे। इसी उददेश्य को ध्यान में रखकर वर्षा ऋतु में यह उत्सव मनाया जाता है।
वृक्ष हमें शीतल छाया देते है जो तपती गर्मी में हमें सुख पहुँचाती है। पत्तियाँ पशुओं के चारे और खाद के काम आती है। वनों की गोद में न जाने कितने पशु-पक्षी अपना घर बनाते हैं जो हमारी पृथ्वी की शोभा हैं।
वन भूमि के कटाव को रोकते हैं। वृक्षों की जड़े मिट्टी को बाँधे रखती हैं, इससे पानी के बहाव का वेग कम हो जाता है। वन जल बरसाने में भी सहायक होते हैं। जहाँ घने वन होते हैं, वहाँ वर्षा अधिक होती है।
वनों से हमें फल-फूल, लकड़ी, ईंधन, जड़ी-बूटियाँ आदि मिलती हैं।
आजकल दिन-प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता जा रहा है, इससे वायु दूषित होती जा रही है। वृक्ष वायु को शदध रखते हैं। वृक्ष वातावरण को विषैली गैसों से मुक्त कराते हैं।
हमारा कर्तव्य है कि वन महोत्सव के दिन हम एक पेड़ अवश्य लगाएँ। एक-एक पेड़ लगाने से करोड़ों पेड लग सकते हैं। बंजर भूमि फिर से हरी-भरी धरती में बदल सकती है। वास्तव में पेड़ मनुष्य का बहुत उपकार करते हैं। इसलिए पेड़ लगाना पुण्य का कार्य है।
आइए संकल्प करें कि वन महोत्सव के दिन हम एक पेड़ अवश्य लगाएँगे और धरती को स्वर्ग के समान सुंदर और सुखकर बनाएँगे।
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